उड़ता पंजाब: राज्य में नशे की एंट्री से लेकर तस्करों के जेल से एग्जिट तक पुलिसवाले शामिल!

Edited By Vaneet,Updated: 02 Jul, 2018 04:40 PM

drug addict state from smugglers jail to the exit policemen were involved

पंजाब में नशे की दलदल में आम लोग ही नहीं कई वर्दीवाले भी पूरी तरह धंस चुके हैं। ड्रग तस्करी से लेकर तस्करों को बरी कराने तक कहीं न कहीं पुलिस....

बठिंडा: पंजाब में नशे की दलदल में आम लोग ही नहीं कई वर्दीवाले भी पूरी तरह धंस चुके हैं। ड्रग तस्करी से लेकर तस्करों को बरी कराने तक कहीं न कहीं पुलिस की मिलीभगत सामने आ ही जाती है। पिछले दिनों एस.टी.एफ. भी अपनी जांच पर कुछ पुलिस वालों पर सवाल उठा चुकी है। पंजाब में नशे की एंट्री से लेकर तस्करों के जेल से एग्जिट तक पुलिसवालों की भूमिका सवालों में है। हाल के दिनों में भी डी.एस.पी समेत कई पुलिस वालों पर नशे को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की गई है लेकिन इसके बावजूद भी नशा थमने का नाम नहीं ले रहा। 

जब्त हेरोइन मालखानों से ऐसे पहुंच रही तस्करों तक
1 अप्रैल 2017 को फाजिल्का पुलिस ने पुलिस लाइन मालखाना से हेरोइन चुराकर बेचने के आरोप में सब इंस्पेक्टर मेजर सिंह, कांस्टेबल सुरजीत सिंह समेत तीन अन्य लोगों को नामजद किया। इन्हें जून 2017 में डिसमिस कर दिया गया। 25 मई 2015 को फिरोजपुर सीआईए स्टाफ ने हेरोइन तस्कर सुखविंदर सिंह को जब पकड़ा तो उसने बताया कि वह हेरोइन ममदोट थाने के मालखाने में तैनात कांस्टेबल शेर सिंह से खरीदकर लाया था। शेर सिंह के साथ एक-एएसआई की भी मिलीभगत पाए जाने पर नामजद किया गया।

जेलों में गैंगस्टरों तक नशा पहुंचाने में भी रही भूमिका
मिली जानकारी के मुताबिक अक्तूबर 2017 में केंद्रीय जेल पटियाला में गैंगस्टरों को नशा सप्लाई करने में एसिस्टेंट जेल सुपरिटेंडेंट रूप सिंह व महिला कांस्टेबल कर्मजोत कौर को नामजद किया गया जो नाभा जेल ब्रेक के मुख्ख्यआरोपी कुलप्रीत नीटा दयोल के संपर्क में थी। वहीं 25 मई 2018 को पटियाला के थाना लाहौरी गेट के पास सिपाही गुरुप्रताप सिंह को नशीली गोलियों की डिलीवरी देते हुए पकड़ा गया।

तस्करों को बरी कराने में भी भूमिका 
जून 2017 में कपूरथला सी.आई.ए. स्टाफ में तैनात रहे इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह को एस.टी.एफ. ने पकड़ा। इसके घर से छापामारी कर 7 किलो हेरोइन व भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए थे। जांच में पता चला कि तरनतारन में तैनाती के समय इंद्रजीत सिंह ने नशा तस्करी के 3 संगीन मामलों में कथित तौर पर छेड़छाड़ कर 17 तस्करों को बरी करवा दिया था। इस केस में एक डी.एस.पी. की भी भूमिका सामने आने पर उसे व इंद्रजीत सिंह के सहायक को भी नामजद किया गया था। बाद में इंद्रजीत सिंह की मोगा के एस.एस.पी. राजजीत से नजदीकी सामने आने पर सरकार ने इसकी जांच के लिए एस.आई.टी. गठित की जो जांच कर रही है।

इस तरह भी पहुंचता है पंजाब के अंदर नशा 
4 जनवरी 2016 को मोहाली पुलिस ने तरनतारन के गांव हवेलियां के नशा तस्कर और गैंगस्टर गुरजंट भोलू को साथियों समेत पकड़ा। खुलासा हुआ कि ये फाजिल्का बार्डर और राजस्थान के हिंदुमलकोट बार्डर पर तैनात दो बी.एस.एफ. जवानों की मदद से पाकिस्तान से हेरोइन की खेप पास करवा पंजाब में जाते थे और फिर उसे यहां बेचते थे। तरनतारन के गांव ठठे का कुख्यात तस्कर अमोलक सिंह, उसका भाई, भतीजे समेत पूरा परिवार इसी तरह तस्करी कर रहा है जो आज तक पकड़ा नहीं गया।

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