नशे में ड्राइविंग करने वालों की अब खैर नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Dec, 2017 09:29 AM

driving licences

नशा कर ड्राइविंग करने के मामले में सरकार सख्ती से नया कानून बनाने की तरफ बढ़ रही है। लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार नशा कर ड्राइविंग करने वालों के खिलाफ सख्ती करने जा रही है। यानी नशे में ड्राइविंग करने वालों की अब खैर नहीं।...

जालंधर(रविंदर शर्मा): नशा कर ड्राइविंग करने के मामले में सरकार सख्ती से नया कानून बनाने की तरफ बढ़ रही है। लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार नशा कर ड्राइविंग करने वालों के खिलाफ सख्ती करने जा रही है। यानी नशे में ड्राइविंग करने वालों की अब खैर नहीं। सरकार नशे में ड्राइविंग से होने वाली मौत को लेकर सख्त कदम उठाने जा रही है। ऐसे किसी केस में अभी आई.पी.सी. के सैक्शन 304-ए के तहत सजा के तौर पर 2 साल की जेल, फाइन या दोनों होते हैं। सरकार अब सजा की अवधि बढ़ाकर 7 साल करने के पक्ष में है। इसके साथ ही वाहन रजिस्ट्रेशन के वक्त ही थर्ड पार्टी इंश्योरैंस अनिवार्य करने का कदम भी उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भी नशे में ड्राइविंग से होने वाली मौतों के केस में टिप्पणी कर चुका है। कोर्ट ने मौजूदा सजा को अपर्याप्त बताते हुए और भी सख्त सजा दिए जाने की वकालत की थी।इससे पहले एक स्टैंडिंग कमेटी ने भी नशे में ड्राइविंग से होने वाली मौतों के मामले में गैर-इरादतन हत्या का मामला चलाए जाने का सुझाव दिया था और इसमें 10 साल जेल की सजा का प्रावधान करने को कहा था। देश में कुल वाहनों में से कम-से-कम आधे वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरैंस नहीं है। इनमें से अधिकतर टू-व्हीलर हैं। ऐसे वाहनों से होने वाले रोड एक्सीडैंट के विक्टिम्स को हर्जाना नहीं मिल पाने की आशंका बनी रहती है।

संसदीय कमेटी ने नए मोटर व्हीकल एक्ट को राज्यसभा में रखा
संसदीय कमेटी ने राज्यसभा में शुक्रवार को मोटर व्हीकल (अमैंडमैंट) बिल की रिपोर्ट जमा कर दी है। इसमें रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने 15 मुद्दों को लेकर एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। इन्हीं में से एक प्रस्ताव नशे में एक्सीडैंट से होने वाली मौत में सजा की अवधि बढ़ाने का भी है। 

500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने वाले कमर्शियन वाहनों में होंगे 2 ड्राइवर
ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के 4 सदस्यीय पैनल ने संसदीय कमेटी को यह भी बताया कि वाहनों की स्पीड को कंट्रोल करने के लिए नियम बनाए जा सकते हैं। इसमें विशेष तौर पर सड़क पर रेसिंग और स्टंट करने वालों को लेकर नियम बनाने का जिक्र है। इसके साथ ही 500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने वाले कमर्शियल वाहनों में 2 ड्राइवरों का होना अनिवार्य किए जाने का भी प्रस्ताव है। पैनल ने ट्रैफिक रूल्स से जुड़े नए नियम और कानूनों को लागू करने का सुझाव दिया है।

यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की हरकत को किया जाएगा डिजीटली स्टोर  
यह सुझाव भी दिया गया है कि प्रत्येक ट्रैफिक पुलिस मैन या ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट के अधिकारी के पास बॉडी कैमरे हों, ताकि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले की करतूत डिजीटली स्टोर हो सके। कमेटी को ऐसा लगता है कि ऐसा होने से करप्शन में भी कमी आएगी। 

पंजाब पुलिस खरीदेगी एल्को मीटर
नए कानून को सख्ती से लागू करने की तरफ पंजाब पुलिस ने भी सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। आने वाले कुछ महीनों में पंजाब पुलिस भारी मात्रा में एल्को मीटर खरीदेगी। अभी तक चुनिंदा शहरों में ही कुछेक एल्को मीटर हैं और पुलिस इनका उचित प्रयोग भी नहीं कर पाती है। अब ट्रैफिक पुलिस के प्रत्येक इंस्पैक्टर के पास एल्को मीटर होने का प्रावधान तैयार किया जा रहा है। 

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