Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 11:26 AM
श्रेष्ठ स्कूलों और अध्यापकों के समर्पित प्रयासों की पहचान करते हुए लवली प्रोफैशनल यूनिवर्सिटी ने अपनी कार्पोरेट-सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए ‘ट्रांसफार्मिंग एजुकेशन अवॉर्ड्स’ की शुरूआत की थी।
जालन्धर (दर्शन): श्रेष्ठ स्कूलों और अध्यापकों के समर्पित प्रयासों की पहचान करते हुए लवली प्रोफैशनल यूनिवर्सिटी ने अपनी कार्पोरेट-सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए ‘ट्रांसफार्मिंग एजुकेशन अवॉर्ड्स’ की शुरूआत की थी। देश में अपनी तरह के इस प्रकार के पहले पुरस्कारों के लिए एल.पी.यू. ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी से निवेदन किया था कि देशभर से चुने गए स्कूलों, केंद्रों, अध्यापकों, प्रशिक्षकों, विद्यार्थियों आदि को अपने
कर-कमलों से पुरस्कृत करें।
डॉ मुखर्जी ने आयोजन अपने गृह निवास पर करवाने की अनुमति दी व अवार्ड सैरेमनी दौरान पूर्व राष्ट्रपति ने स्कूलों व कोचिंग सैंटर्का को टीचिंग ग्रांट के रूप में तथा अध्यापकों, प्रशिक्षकों और विद्यार्थियों को अवॉर्ड्स के तौर पर एक करोड़ रुपए के नकद पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर लवली ग्रुप के चेयरमैन रमेश मित्तल, एल.पी.यू. के चांसलर श्री अशोक मित्तल और प्रो-चांसलर रश्मि मित्तल भी मौजूद थे। डॉ प्रणव मुखर्जी ने कहा-‘‘मैं एल.पी.यू. के इस अनूठे प्रयास की प्रशंसा करता हूं। शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह के प्रयासों से देश की शिक्षा में गुणवत्ता आएगी और प्रगति होगी। इन अवॉर्ड्स से शिक्षा के पहले दर्जे से ही अभूतपूर्व व रचनात्मक परिणाम सामने आएंगे।’ डॉ. मुखर्जी ने भारतीय समाज के सभी वर्गों से आग्रह किया कि वे शिक्षा संबंधित नवीनतम प्रयासों द्वारा आम लोगों की उममीदों पर खरा उतरें।
13 स्कूलों को एक-एक लाख की टीचिंग ग्रांट प्रदान की गई तथा उनके अध्यापकों और विद्यार्थियों को क्रमश: 25 और 10 हजार रुपए के पुरस्कार दिए गए। इसके अतिरिक्त 78 अन्य स्कूलों के लिए 25 हजार की टीचिंग ग्रांट तथा नामांकित अध्यापकों और विद्यार्थियों को क्रमश: 10 तथा 2 हजार रुपए के नकद अवॉर्ड्स दिए गए। कोचिंग इंस्टीच्यूट की कैटेगरी में 29 संस्थानों को 25 हजार रुपए प्रति टीचिंग ग्रांट दी गई जबकि इनके नामांकित अध्यापकों और विद्यार्थियों को क्रमश: 10 व 2 हजार रुपए के अवार्ड्स दिए गए। इसी तरह संबंधित एक्सप्लोरिका प्रोग्राम में भाग लेने वाले स्कूलों, अध्यापकों व विद्यार्थियों को भी लाखों रुपए के पुरस्कार प्रदान किए गए। एल.पी.यू. के चांसलर अशोक मित्तल ने कहा, ‘‘देश के बहुत से स्कूल व अध्यापक अपने विद्यार्थियों पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं, जिससे कि वे अपना उज्ज्वल व अनूठा भविष्य बनाते हैं। इसी संदर्भ में हमने निर्णय लिया कि ऐसे समर्पित प्रयासों की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान की जानी चाहिए और एल.पी.यू. के ‘ट्रांसफॉर्मिंग एजुकेशन अवॉर्ड्स’ उन्हीं स्कूलों और अध्यापकों की पहचान करने के लिए हैं जो लीक से हटकर अनूठे प्रयास करते हैं।’’ पूर्व राष्ट्रपति डॉ. मुखर्जी की ओर से पुरस्कार वितरण के प्रति दर्शाई गई दयालुता के प्रति उनका धन्यवाद व्यक्त किया।