Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 May, 2018 12:44 PM
जेल मंत्री के नाम कैदियों के एक खुले पत्र पर यकीन करें तो जेल में नशों का कारोबार लाखों रुपए तक पहुंच गया है
बठिंडा (बलविंद्र): जेल मंत्री के नाम कैदियों के एक खुले पत्र पर यकीन करें तो जेल में नशों का कारोबार लाखों रुपए तक पहुंच गया है जिसमें कुछ खास कैदियों के अलावा जेल कर्मियों की हिस्सेदारी भी है। आज बठिंडा प्रैस क्लब में एक पत्र पहुंचाया गया जो कि जेल मंत्री सुखविंद्र सिंह रंधावा के नाम था और इस पर दर्जन से अधिक कैदियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
पहले कैदियों के घरों में पहुंचता है नशा
कैदियों का कहना हे कि जो खास कैदी इस धंधे से जुड़े हुए हैं, वे ही सारा सामान जेल में मंगवाते हैं। पहले यह नशा उनके के घरों तक पहुंचता है, जो परिजन मिलने के लिए आते हैं वे यह नशा दे जाते हैं। स्वाभाविक है कि इस धंधे में शामिल आरोपियों की गिनती भी थोड़ी नहीं है, इसलिए गंभीरता से जांच करने की जरूरत है, क्योंकि इस व्यवहार से न सिर्फ आम कैदियों की लूट हो रही है, बल्कि अनेक नौजवान नशेड़ी भी बनाए जा रहे हैं। इस संबंधी जेल सुपरिंटैंडैंट सुखविंद्र सिंह का कहना है कि ऐसा होना संभव नहीं है लेकिन फिर भी वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गहराई से जांच करेंगे।
खास कैदी, हवलदार व अन्य अधिकारी धंधे में शामिल
पत्र में बताया गया है कि जेल की कैंटीन में नशों का कारोबार बड़े स्तर पर हो रहा है, जिसकी कमाई कुछ खास कैदियों के अलावा हवलदार व अन्य अधिकारियों की जेब में जाती है। कैदियों ने बताया कि 10 रुपए का बीडियों का बंडल 1300 से 1500 रुपए, 5 रुपए वाली तंबाकू की पुड़ी 500 रुपए, चिट्टा नशा 3500 रुपए प्रति ग्राम, 10 रुपए वाली नशे की गोली 300 रुपए में बेची जा रही है। जेल में जब भी यह सामान पहुंचता है तो 50 बीड़ी के बंडल, तंबाकू की 300 पुडिय़ां, 2000 गोलियां, आधा किलो चिट्टा नशा बिक जाता है। इस तरह जेल में लाखों रुपए का यह कारोबार चल रहा है। कैंटीन में तैनात एक कैदी 2 हवलदारों को 40 हजार रुपए प्रति हफ्ता रिश्वत के तौर पर देता है।