वोट की चोट से डोला नेताओं का उडऩखटोला

Edited By Updated: 14 Jan, 2017 03:03 PM

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पंजाब में त्रिकोणीय सियासी दंगल में नेताओं को फतेह के लिए .....

जालंधर: पंजाब में त्रिकोणीय सियासी दंगल में नेताओं को फतेह के लिए हर जुगत भिड़ाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कल तक जो दिग्गज नेता 300-400 किलोमीटर सफर के लिए उडऩखटोले को सबसे ज्यादा तरजीह देते थे वह अब इस वी.आई.पी. कल्चर से कन्नी काटने का उद्घोष कर रहे हैं। कांग्रेस जैसे देश के सबसे बड़े सियासी दल ने तो पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर जारी मैनीफेस्टो में ही ऐलान कर दिया कि आपातकालीन स्थिति को छोड़कर मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करेगा। और तो और रसूख का पर्याय लाल बत्ती कल्चर को भी पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। 


कांग्रेस की इस घोषणा का ही असर है कि पंजाब के बाकी प्रमुख सियासी दल के नेता भी उडऩखटोले से परहेज कर रहे हैं। सत्तासीन शिअद-भाजपा के नेताओं ने भी अभी तक के अपने चुनाव प्रचार में हैलीकॉप्टर के इस्तेमाल को तरजीह नहीं दी है। उधर, आम आदमी पार्टी के नेता तो खुद को साधारण जन के तौर पर पहले से ही प्रचारित कर रहे हैं। बेशक ‘आप’ संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गोवा में चुनाव प्रचार के लिए उडऩखटोले की यात्रा कर रहे हों लेकिन पंजाब पहुंचते ही वह भी साधारण जन के लिबास में सियासी मंच पर आसीन हो रहे हैं। 


बाकायदा मंच पर वह इस बात का प्रचार करने से भी नहीं चूकते कि उनकी आम आदमी पार्टी आम जन साधारण की पार्टी है। ‘आप’ के पास तो चुनावी खर्च उठाने तक का सामथ्र्य नहीं है इसीलिए उन्हें चुनावी चंदे के भरोसे रहना पड़ता है। जाहिर है कि वोट की चोट से नेताओं का उडऩखटोला प्रेम कम तो हुआ ही है लेकिन सत्ता में आने के बाद यह प्रेम कायम रहेगा या नहीं यह समय ही बताएगा। 

 

रोड नैटवर्क बेहतर, सड़क से ही जाएंगे सुखबीर : जंगवीर
2012 विधानसभा चुनाव की बात करें तो शिरोमणि अकाली दल खासकर प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था। न सिर्फ चुनाव प्रचार, बल्कि नई दिल्ली से मुंबई तक होने वाली राजनीतिक मीटिंगों के वास्ते हैलीकॉप्टर और एयरक्रॉफ्ट्स का जमकर इस्तेमाल किया गया। शिरोमणि अकाली दल ने उडऩखटोलों की सुविधा देने वाली 5 कंपनियों को कुल 1,41,93,726 रुपए का भुगतान किया। 2014 में लोकसभा चुनाव के प्रचार में भी हवाई सफर पर 2.50 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे लेकिन इस बार फिजा कुछ निराली है।

 

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल भी हवाई सफर से किनारा किए हुए हैं। उनके मीडिया सलाहकार जंगवीर सिंह ने इस बात की पुष्टि की है कि सुखबीर बादल सड़क के जरिए ही सफर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब का रोड नैटवर्क इतना बेहतर बन चुका है जिससे ट्रैवलिंग टाइम काफी कम हो गया है। शिअद की सहयोगी पार्टी भाजपा के नेताओं ने पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान सहयोगी दल के ही उडऩखटोले में सवारी की थी। हालांकि खुद से भी पंजाब भाजपा की ओर से हवाई सफर पर 70,497 रुपए खर्चे गए थे।

 

जरूरत पडऩे पर पी.पी.सी.सी. प्रमुख कर सकते हैं इस्तेमाल : ठुकराल
कांग्रेस की बात करें तो कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने 2012 के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त चुनाव प्रचार मुहिम चलाई थी। एक-एक दिन में कई-कई रैलियों को सम्बोधित किया। सरकार बनने की प्रखर संभावनाओं के बीच चुनाव प्रचार भी बहुत अग्रेसिव तरीके से किया गया था। हालांकि पंजाब कांग्रेस ने हवाई सफर (टिकट) पर मात्र 48,400 रुपए ही खर्च किए थे लेकिन कांग्रेस मुख्यालय की ओर से उडऩखटोलों पर 37 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे जिसमें पंजाब को दिया गया उडऩखटोला भी शामिल था। 


इस बार भी कांग्रेस की ओर से उडऩखटोले का इस्तेमाल किए जाने की पूरी संभावना है क्योंकि अभी तक कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हो पाई है। यही वजह है कि कांग्रेस चुनाव प्रचार भी पूरी तरह से शुरू नहीं कर पाई है। कैप्टन अमरेन्द्र के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल का कहना है कि कैम्पेन प्लान अभी फाइनल नहीं हो पाया है लेकिन समय के हिसाब से इसकी संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि पी.पी.सी.सी. प्रमुख उडऩखटोले का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रचार का ज्यादा समय सड़क के जरिए दिया जाएगा लेकिन प्रदेश के एक से दूसरे सिरे तक पहुंचने के लिए चॉपर ही सही रहेगा। 
    

आप नेताओं को शौक नहीं: संजय
उधर, पंजाब की सत्ता पर काबिज होने के लिए आतुर आम आदमी पार्टी अपने चुनाव प्रचार के दौरान हैलीकॉप्टर के इस्तेमाल से परहेज के मूड में है। अरविंद केजरीवाल भले ही दिल्ली से अमृतसर पहुंचने के लिए हवाई यात्रा कर लेते हैं, लेकिन राज्य में चुनाव प्रचार के लिए होने वाली विभिन्न रैलियों में जाने के लिए सिर्फ और सिर्फ सड़क का ही इस्तेमाल किया जाएगा। 

 

पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी आम जन मानस की पार्टी है और उनके बीच रहकर ही काम करती है। उन्होंने कहा कि वैसे भी पारंपरिक पार्टियों के नेताओं को ही उडऩखटोलों का शौक है हमारी पार्टी के नेताओं को नहीं। पंजाब चुनाव में अपना अलग स्थान रखने वाली बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी पंजाब में चुनाव प्रचार के लिए हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था। हालांकि बहुजन समाज पार्टी का फोकस एरिया उत्तर प्रदेश था। बहुजन समाज पार्टी की ओर से केंद्रीय स्तर पर 7.19 करोड़ रुपए के खर्चे पर उडऩखटोलों की सुविधा हासिल की गई थी।

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