क्या अब कांग्रेस आलाकमान को सिद्धू की स्टार प्रचारक के तौर पर जरूरत नहीं?

Edited By Suraj Thakur,Updated: 08 Mar, 2019 06:06 PM

do not the congress high command now need sidhu as a star campaigner

3 राज्यों में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद अब क्या सच में ही नवजोत सिद्धू की कांग्रेस आलाकमान को अब जरूरत नहीं है? पढ़ें ये रपट...

अमृतसर। (सूरज ठाकुर) हाल ही में पंजाब के मोगा में लोकसभा चुनाव का शंखनाद करते हुए जब कांग्रेस की रैली का आयोजन किया गया तो इसमें भाषण देने वालों की सूची में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद दूसरे नंबर पर स्टार प्रचारक रहे कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का नाम ही नहीं था। रैली में राहुल गांधी, सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह सहित चार नेताओं ने संबोधित किया। मंच पर मौजूद होते हुए भी इन वक्ताओं में सिद्धू शामिल नहीं थे। ऐसे में उनका बयान आया कि "मुझे मेरी जगह दिखा दी गई है"। हालांकि पंजाब कांग्रेस के आला नेता उनके भाषण न दिए जाने को लेकर उनका घुमा फिराकर जवाब दे रहे हैं। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद सिद्धू के भी मन में इस तरह का ख्याल उत्पन्न होना स्वाभाविक है। पांच में से तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद अब क्या सच में ही नवजोत सिद्धू की कांग्रेस आलाकमान को अब जरूरत नहीं है? पढ़ें ये रपट...



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कांग्रेस के खिलाफ BJP के लिए जीवंत मुद्दा हैं सिद्धू...
इसमें कोई दोराय नहीं है कि पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू जब भी कोई बयान देते हैं तो वह विवादों में घिर जाते हैं। पाकिस्तान और अपने दोस्त इमरान खान को लेकर दिए बयानों को लेकर बीजेपी और अन्य दलों के नेताओं ने उन्हें देशद्रोही व गद्दार के खिताब से नवाज डाला है। वह कांग्रेस में एक ऐसी शख्सियत हो चले हैं कि चुनाव के इस दौर में जिस दिन बीजेपी और अन्य दलों के पास राहुल गांधी के खिलाफ बोलने के लिए कुछ भी नहीं होता है, तो वे सिद्धू को जरूर याद कर लेते हैं। कुल मिलाकर 2019 के चुनावी अखाड़े में सिद्धू कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के लिए जीवंत मुद्दा है, जबकि अभी तक भाजपा की धुरी नेहरू परिवार के इतिहास के इर्द-गिर्द ही घूमती है।

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सिद्धू के 17 दिन और 82 रैलियां...
दिसंबर 2018 में पांच राज्यों में हुए चुनाव में  सिद्धू के आगे भाजपा का मोदी मैजिक फीका पड़ गया था। इन राज्यों में उन्होंने ने 17 दिनों में करीब 82 चुनावी ताबड़तोड़ रैलियां की थी। कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी के बाद दूसरे नंबर पर नवजोत सिंह सिद्धू स्टार प्रचारकों की लिस्ट में थे। तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था। यहां आपको बताना लाजमी यह भी है कि इन राज्यों में जिन विधानसभा क्षेत्रों में नवजोत सिंह सिद्धू ने चुनावी रैलियां की वहां कांग्रेस ने जीत हासिल की।

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मोदी की रैलियों के बावजूद हार गए थे BJP प्रत्याशी... 
अगर छत्तीसगढ़ की ही बात की जाए तो जिन एक दर्जन से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में सिद्धू ने चुनाव प्रचार किया था उनमें कांग्रेस की भारी मतों से जीत हुई थी। इसके विपरीत इसी राज्य के जिन पांच विधानसभा क्षेत्रों में पीएम नरेंद्र मोदी ने रैलियां की थी वहां भाजपा के सभी प्रत्याशी हार गए थे। छत्तीसगढ़ में सिद्धू ने जांजगीर चांपा, बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग शहर जैसे इलाकों में चुनाव प्रचार किया था।

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मोदी के खिलाफ बोला था हार्ड हिटिंग हमला ...
सिद्धू ने अपनी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की आलोचना करते हुए बीजेपी को भ्रष्ट पार्टी बताया था। बता दें, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस की वापसी हुई है। इन राज्यों में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस का कोई भी ऐसा स्टार प्रचारक नहीं था जिसने तीनों राज्यों में पीएम मोदी के खिलाफ हार्ड हिटिंग हमला बोला हो। सिर्फ नवजोत सिंह सिद्धू ही एक मात्र ऐसे स्टार प्रचारक थे जिन्होंने मोदी का कथित तौर पर ऐसा पर्दाफाश किया कि आम जनता को आसानी से समझ आ गया।

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भाषण सूची पर कांग्रेस के नताओं ने दी ये सफाई..
नवजोत सिंह को पंजाब कांग्रेस की रैली में भाषण नहीं दिए जाने को लेकर कांग्रेस के नेताओं के अजीब बयान आए।पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि सिद्धू को वक्ताओं में होना चाहिए था। उन्होंने सिद्धू को पार्टी के स्टार प्रचारक बताते हुए कहा कि राहुल जी ने मुझसे पूछा था कि क्या सभी ने भाषण दे दिया है? मैंने कहा कि मुझे नहीं पता क्योंकि मैं उनके साथ आया था। राज्य के सहयोग मंत्री और रैली के मुख्य आयोजक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब मामलों की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रभारी महासचिव आशा कुमारी ने सिर्फ चार वक्ताओं के नाम के लिए कहा था। बयानों से ऐसा लगता है कि सिद्धू को कहीं न कहीं किसी ने जरूर नजर अंदाज किया है। राहुल गांधी कांग्रेस की रैलियों में जिन तीन राज्यों में जीत का जिक्र बड़ी शान से करते हैं, उनमें सिद्धू का अहम योगदान है। क्या तीन राज्यों में कांग्रेस के दूसरे नंबर के स्टार प्रचारक को हाशिए पर धकेलने की कोशिश की जा रही है, या फिर कोई भूल हुई है। यह कांग्रेस के लिए चिंतन का विषय है। फिलहाल सिद्धू का बयान कांग्रेस के लिए दिल में चुभने वाला शब्दबेदी बाण है। 


 

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