कहीं खालिस्तान का मुद्दा अकाली-भाजपा गठबंधन को न कर दे दो-फाड़

Edited By Vatika,Updated: 09 Jun, 2020 09:35 AM

do not let the issue of khalistan in the akali bjp alliance

ऑप्रेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा खालिस्तान लेने संबंधी दिए गए बयान ने पंजाब के

जालंधर(चोपड़ा): ऑप्रेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा खालिस्तान लेने संबंधी दिए गए बयान ने पंजाब के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बयान को लेकर जिस प्रकार भाजपा की स्टेट लीडरशिप ने अकाली दल से खालिस्तान के मामले में पार्टी की स्थिति स्पष्ट करने को लेकर तीखा रुख अपनाया है। उससे लगता है कि कहीं खालिस्तान के मामले पर अकाली-भाजपा गठबंधन दो-फाड़ न हो जाए। 

भाजपा के कई प्रदेश नेताओं ने अकाली दल के खिलाफ खालिस्तान के मुद्दे पर अपना मोर्चा खोल दिया है। यूं तो खालिस्तान संबंधी विवाद बरसों से चला आ रहा है परंतु इस वर्ष कार्यक्रम के दौरान जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के कथन भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को रास नहीं आ रहे हैं। भाजपा को पता है कि अगर वह इस बार चुप्पी साधे रही तो 2022 के विधानसभा चुनावों में उसका बाकी बचा भी बिस्तर गोल हो जाएगा। क्योंकि 2012 व 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को मतदाताओं ने जिस प्रकार नकार दिया था। अब भाजपा के लिए अगले विधानसभा चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं और हिंदू व शहरी वोट बैंक पर अपना दावा जताने वाली भाजपा अगर खालिस्तान के मामले का विरोध न कर सकी तो बचा-खुचा वोट बैंक भी उसके हाथ से खिसक जाएगा। 

इसके अलावा पिछले 2 विधानसभा व 1 लोकसभा चुनाव में खासी चर्चाएं हुई थीं कि अकाली-भाजपा गठबंधन टूट जाएगा और दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी। हालांकि भाजपा खेमे में अकेले चुनाव लडऩे को लेकर खासा उत्साह था परंतु राष्ट्रीय स्तर पर दोनों पाॢटयों के हुए गठजोड़ के कारण ये चर्चाएं ठप्प होकर रह गईं। परंतु अब राजनीतिक गलियारों की मानें तो भाजपा खालिस्तान के मसले पर प्रदेश की जनता की अदालत में अपना स्टैंड स्पष्ट करने को तैयार है। भाजपा नेता एक सोची समझी रणनीति के तहत अकाली दल पर खालिस्तान के मामले को लेकर बयानबाजी कर उन पर स्थिति स्पष्ट करने का दबाव बना रहे है तांकि लोगों में यह मैसेज जाए कि भाजपा इस मामले में कोई समझौता या ढील देने को तैयार नहीं है। इसी कड़ी में भाजपा के नेताओं ने खुले तौर पर अपनी गठबंधन पार्टी अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व अकाली दल के सुप्रीम सुखबीर सिंह बादल पर सवालों की बौछार करते हुए उन्हें कटघरे में खड़े कर दिया है कि वह जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खालिस्तान के मामले में दिए कथन पर स्पष्टीकरण दें। 

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