Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 04:11 AM
हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार सारे जिलाधीशों ने पुलिस कमिश्नरों व एस.एस.पी. ......
जालंधर(बुलंद): हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार सारे जिलाधीशों ने पुलिस कमिश्नरों व एस.एस.पी. देहाती को आदेश जारी किए थे कि सभी जिलों में जिन ट्रैवल एजैंटों ने पंजाब सरकार से लाइसैंस नहीं लिया उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। डी.सी. के आदेशों पर जिला प्रशासन की वैब साइट पर 240 एजैंटों के नाम डाले गए हैं जिनके पास सरकार के लाइसैंस हैं।
इसके बाद पुलिस विभाग को कार्रवाई तो करनी चाहिए थी उन ट्रैवल एजैंटों के खिलाफ जो अवैध रूप से ट्रैवल एजैंटी कर रहे हैं और लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं, पर जालंधर की पुलिस का अपना ही स्टाइल है। कुछ ट्रैवल एजैंटों ने बताया कि उनके पास पंजाब सरकार का लाइसैंस भी है और उनका नाम भी प्रशासन की वैब साइट पर है पर फिर भी बजाय अवैध एजैंटों की जांच करने के उलटा पुलिस वाले बार-बार उन्हीं एजैंटों को थाने में बुलाकर उनके कागजात चैक कर रहे हैं जोकि पहले से ही लाइसैंसशुदा हैं।
जानकारों के अनुसार जिला जालंधर में 240 लाइसैंस होल्डर एजैंट हैं, 385 ऐसे हैं जिन्होंने लाइसैंस अप्लाई किया हुआ है उन्हें अभी लाइसैंस मिला नहीं और 50 ऐसे हैं जोकि फाइलें तैयार करके बैठे हैं पर अभी लाइसैंस अप्लाई नहीं कर पाए। पर असलीयत में जिले में 4 हजार के करीब ट्रैवल एजैंट अपना कारोबार कर रहे हैं जिनमें से 3 हजार से ज्यादा बिना लाइसैंस के ही काम चला रहे हैं और ये लोग आसानी से लोगों को ठग कर रफूचक्कर हो जाते हैं। इनके अलावा हजारों सब एजैंट ऐसे हैं जो अपने घरों और चल-फिर कर ही एजैंटी का काम करते हैं। इनके पास न तो कोई आफिस होता है और न ही कोई लाइसैंस। ऐसे लोग जालंधर के बी.एम.सी. चौक, पी.ए.पी. चौक और गढ़ा रोड पर स्थित रेस्तरां में बैठे देखे जा सकते हैं जो लोगों से फोन पर संपर्ककर अपने आकाओं (बड़े एजैंटों) के लिए ग्राहक ढूंढकर मोटी कमिशनें वसूलते हैं।
सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस प्रशासन ऐसे अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने की कोई योजना पर काम करेगा या जो लोग लाखों रुपए लगाकर अपने आफिस खोलकर व लाइसैंस लेकर काम कर रहे हैं उन्हें ही बार-बार थाने बुलाकर उन पर रौब डालता रहेगा। मामले बारे एक और बात जो हैरानीजनक है वह यह कि जिले में अनेकों अंग्रेजी सिखाने के सैंटर भी ऐसे हैं जो बच्चों को आइलैट्स की तैयारी करवाते हैं और बाद में किसी न किसी एजैंट से सैटिंग करके बच्चों का वीजा अप्लाई करवाते हैं और कमीशन खाते हैं ऐसे सैंटरों को भी पंजाब सरकार ने लाइसैंस के घेरे में रखा है, पर हजारों सैंटर ऐसे हैं जो बिना लाइसैंस के काम कर रहे हैं।
पुलिस को चाहिए कि टीमें गठित करके उन सारे सैंटरों और एजैंटों के आफिसों की जांच की जाए जिन्होंने न तो लाइसैंस लिया है न ही अप्लाई किया है और जो कोई भी अवैध तौर पर काम करता पाया जाए उसके खिलाफ तुरंत केस दर्ज किया जाए वर्ना कागजी कानून किसी का कुछ भला तो कर नहीं पाएंगे पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम जरूर करेंगे।
300 पैंडिंग फाइलों का होगा निपटारा, निजी सुनवाई के लिए नोटिस जारी
जिला प्रशासन और सरकार द्वारा आम जनता को जाली ट्रैवल एजैंटों के चंगुल से बचाने के लिए सारे ट्रैवल एजैंटों की रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को तेजी से मुकम्मल करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है मगर अभी भी बहुत बड़ी गिनती में ऐसे ट्रैवल एजैंट हैं जिन्होंने अपनी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन जमा ही नहीं करवाया है। हालांकि जिले में काफी बड़ी गिनती में ट्रैवल एजैंट एसोसिएशनों के अधिकतर सदस्यों की तरफ से अपने-अपने आवेदन जमा करवाए जा चुके हैं मगर उनके आवेदनों में किसी न किसी कमी के चलते पिछले लगभग 2 साल से उनको लाइसैंस जारी नहीं हो सके।
डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा द्वारा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायक कमिश्नर (जनरल) जय इंद्र सिंह को इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है और एम.ए. शाखा को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि वह उनके पास पैंङ्क्षडग पड़ी सारी फाइलों का निपटारा जल्दी करने के लिए हरसंभव कदम उठाएं। सहायक कमिश्नर जय इंद्र सिंह ने बताया कि जिस दिन से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आरंभ की गई है तब से लेकर आज तक लगभग 550 आवेदन आए हैं जिनमें से 239 आवेदकों को लाइसैंस जारी किए जा चुके हैं।
बाकी बचे हुए लगभग 300 पैंडिंग आवेदनों में किसी न किसी कमी के कारण ऑब्जैक्शन लगे हुए हैं जिसको सही न किए जाने की वजह से लाइसैंस जारी नहीं हो सके हैं। उन्होंने कहा कि एक्ट में दिए गए प्रावधान के अनुसार हर आवेदक को निजी सुनवाई का अधिकार प्राप्त है जिसके लिए एम.ए. शाखा की तरफ से 300 नोटिस जारी किए जा चुके हैं और हर आवेदक को अपनी कमियां पूरा करने का एक अवसर प्रदान किया जाएगा ताकि वह लाइसैंस प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि रोजाना लगभग 20-25 आवेदकों की निजी सुनवाई की जाएगी ताकि वे अपनी कमियां पूर करके लाइसैंस प्राप्त कर सकें। अगर फिर भी कोई आवेदक कमियां पूरी नहीं करता है तो उसका आवेदन सीधे तौर पर रिजैक्ट कर दिया जाएगा।