बदले जा सकते हैं डी.जी.पी. पंजाब, जानिए इसके पीछे की वजह

Edited By Sunita sarangal,Updated: 22 Sep, 2021 03:10 PM

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कांग्रेस हाईकमान द्वारा पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद जहां एक ओर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं, वहीं दूसरी ओर अफसरशाही में कई सियासी चर्चाओं का माहौल गर्माया हुआ है।

जालंधर(मृदुल): कांग्रेस हाईकमान द्वारा पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद जहां एक ओर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं, वहीं दूसरी ओर अफसरशाही में कई सियासी चर्चाओं का माहौल गर्माया हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के वक्त तैनात किए गए डी.जी.पी दिनकर गुप्ता व उनकी पत्नी चीफ सैक्रेटरी विनी महाजन को भी बदलने की तैयारी लगभग तय है। जिस संबंधी पूरे पंजाब की अफसरशाही में चर्चा है कि 1986 बैच के आई.पी.एस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डी.जी.पी पंजाब बनाया जा सकता है। अब बड़ा सवाल यह है कि इसके पीछे की लॉबिंग कौन कर रहा है? हालांकि चर्चा है कि चट्टोपाध्याय के अलावा 1987 बैच के अधिकारी वी.के भांवरा व 1988 बैच के अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता का नाम भी शामिल है। जोकि कांग्रेस हाईकमान द्वारा फाइनल करने के बाद ही नियुक्त किया जाएगा।

डी.जी.पी दफ्तर में तैनात आई.पी.एस अफसरों की एक लॉबी में चर्चा है कि डी.जी.पी चट्टोपाध्याय के डी.जी.पी पंजाब नियुक्त होने की रेस में सबसे आगे नाम चल रहा है। आई.पी.एस लॉबी के सूत्रों की मानें तो सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डी.जी.पी पंजाब लगाने के पीछे बहुत बड़ा कारण है, जोकि पूर्व डी.जी.पी सुमेध सिंह सैनी से जुड़ा हुआ है।

आई.पी.एस अधिकारियों में सबसे बड़ा यह सवाल चल रहा है कि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा की सरकार के वक्त तैनात पूर्व पंजाब के डी.जी.पी सुमेध सिंह सैनी के डी.जी.पी चट्टोपाध्याय के साथ पुराने व निजी संबंध हैं। जिसके कारण वह उन्हें इस पद पर तैनात कराने के लिए अफसरशाही समेत दिल्ली स्तर पर लॉबिंग कर रहे हैं। ताकि अगर चट्टोपाध्याय डी.जी.पी तैनात होते हैं तो हो सकता है कि उनके खिलाफ चल रहे केसों में उन्हें राहत मिल पाए।

आई.पी.एस लॉबी में तैनात सूत्रों की मानें तो साल 2019 में जब से आई.पी.एस दिनकर गुप्ता को डी.जी.पी पंजाब नियुक्त किया गया है, तब से ही पूर्व डी.जी.पी सुमेध सिंह के खिलाफ साल 1991 में हुए मुल्तानी मर्डर केस में पहले नामजद किया गया, जिसके बाद कोटकपुरा एवं बहबलकलां फायरिंग मामले में नामजद किया गया। इनमें से बहबलकलां गोलीकांड मामले में कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की गई थी।

वहीं दूसरी ओर हाल ही में पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा प्रीवैंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। जिसमें सैनी को माननीय कोर्ट द्वारा जमानत मिल गई थी। डी.जी.पी दफ्तर में तैनात अधिकारियों की मानें तो अगर डी.जी.पी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को अगर डी.जी.पी पंजाब लगाया जाता है तो सुमेध सैनी को इसका फायदा मिलना तय है। क्योंकि सैनी चट्टोपाध्याय के करीबी बताए जाते हैं। इसलिए चर्चा है कि सैनी द्वारा डी.जी.पी चट्टोपाध्याय को लगाने के लिए उच्च स्तर पर लॉबिंग की जा रही है।

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