कैप्टन साहब : बिना सुविधाओं के कैसे सुधरेगी राज्य के 10 लाख दिव्यांगों की हालत

Edited By Anjna,Updated: 28 May, 2018 08:30 AM

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अपनी हकी व जायज मांगों के लिए जहां राज्य भर में किसान, मजदूर, मुलाजिम व अन्य वर्ग पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं अब राज्य भर के 22 जिलों के 10 लाख से अधिक दिव्यांगों ने भी दलेरी भरे कदम उठाते हुए अपनी मांगों के संदर्भ में संघर्ष...

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): अपनी हकी व जायज मांगों के लिए जहां राज्य भर में किसान, मजदूर, मुलाजिम व अन्य वर्ग पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं अब राज्य भर के 22 जिलों के 10 लाख से अधिक दिव्यांगों ने भी दलेरी भरे कदम उठाते हुए अपनी मांगों के संदर्भ में संघर्ष का बिगुल बजा दिया है।

जिक्रयोग्य है कि एक तो यह वर्ग प्रकृति की मार का शिकार है तथा दूसरा सरकारों ने हमेशा ही दिव्यांगों को अनदेखी किया जबकि जरूरत है ऐसे वर्ग का जीवन स्तर ऊंचा उठाने की तथा इनको हर तरह की सुविधाएं देने की। सरकार के झूठे आश्वासनों से थक हारकर आखिर दिव्यांग व्यक्तियों में भी पहले से काफी जागरूकता आई है। 

50 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग को मिलती है पैंशन
सरकारी शर्तों के मुताबिक सरकार उस दिव्यांग को ही पैंशन देती है जिस बारे डाक्टर सर्टीफिकेट के ऊपर 50 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग लिखते हैं जबकि 30 या 40 प्रतिशत वाले को पैंशन स्कीम का लाभ नहीं मिलता। ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक है जबकि इनको पैंशन की जरूरत है। 

सरकार पैंशन की रकम करे 2 हजार रुपए माह
दिव्यांगों ने राज्य सरकार से मांग की है कि पैंशनों की रकम 750 रुपए से बढ़ाकर 2 हजार प्रति माह की जाए। जिक्रयोग्य है कि पड़ोसी राज्य हरियाणा में दिव्यांगों को 2 हजार रुपए पैंशन मिलती है तथा पंजाब सरकार ने अपने चुनाव मैनीफैस्टो में भी पैंशन की रकम बढ़ाने का वायदा किया था। राज्य भर में गूंगे, बहरे व मंदबुद्धि व्यक्तियों की संख्या 2 लाख के करीब है। हैरानी वाली बात है कि बड़ी संख्या में मंदबुद्धियों को पैंशन ही नहीं मिल रही। 

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