'डेरा सच्चा सौदा साध को माफी के मामले में अपना हस्तक्षेप चाहता था पंजाबी समाचार पत्र का संपादक'

Edited By Updated: 19 Apr, 2017 10:04 AM

dera saadh seeks intervention in case of forgiveness editor

डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम  रहीम द्वारा सितम्बर 2016 में अकाल तख्त पर भेजी गई माफी की चि_ी के मामले में हुए एक महत्वपूर्ण खुलासे में एक प्रमुख पंजाबी समाचार पत्र के संपादक का नाम भी जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह द्वारा प्रमुखता से लिया...

अमृतसर  (ममता): डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम  रहीम द्वारा सितम्बर 2016 में अकाल तख्त पर भेजी गई माफी की चि_ी के मामले में हुए एक महत्वपूर्ण खुलासे में एक प्रमुख पंजाबी समाचार पत्र के संपादक का नाम भी जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह द्वारा प्रमुखता से लिया गया है। 


ज्ञानी गुरमुख सिंह ने आरोप लगाया कि यह संपादक चाहता था कि गुरमीत राम रहीम को माफी देने के मामले में उन्हें शामिल किया जाए लेकिन जब उन्हें इस मामले में शामिल नहीं किया गया तो उनकी नाराजगी ने पूरी सिख कौम को उलझा कर रख दिया। 


ज्ञानी गुरमुख सिंह ने कहा कि गुरमीत राम रहीम का पत्र लाने के मामले में जहां उनका और सुखबीर सिंह बादल का नाम लिया जाता रहा वहीं जब उन्होंने सुखबीर बादल से उक्त झूठे आरोप को हटाने के लिए कहा तो उन्होंने कुछ दिन का समय दे दिया। इसके उपरांत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के राजनीतिक सलाहकार एवं पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने उन्हें बताया कि उनका नाम इस मामले से निकाला जा सकता है लेकिन यह संपादक नाराज है। गुरमुख सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि इस संपादक ने नाराजगी के चलते उनके विरुद्ध बहुत से समाचार भी लगाए जिनमें उन पर यह झूठा आरोप लगाया जाता जाता रहा कि गुरमीत राम रहीम का पत्र ज्ञानी गुरमुख सिंह और सुखबीर  सिंह   बादल   प्रसिद्ध  अभिनेता अक्षय कुमार की दिल्ली स्थित रिहायश से लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि वह सिरसा के साध को किसी भी प्रकार की माफी देने के हक में नहीं थे परन्तु सरकारी जत्थेदार 

उनकी कोई पेश नहीं जाने देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन को मनाने के लिए आज शिरोमणि कमेटी के कई अधिकारी और तख्तों के जत्थेदार भी आए और उन्होंने खरी-खरी सुना दीं कि वह मर्यादा और सिद्धांत का उल्लंघन करके बंद कमरों में मीटिंग नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि जत्थेदारों को मर्यादा के बारे में कोई शंका है तो वे मर्यादा कमेटी का गठन कर अपने संदेह दूर कर लें। 
उन्होंने कहा कि सिरसा वाले साध का पत्र कौन लेकर आया इस बारे स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने उक्त संपादक को आड़े हाथों लेते कहा कि वह उनके खिलाफ जितने मर्जी समाचार लगा ले लेकिन सच्चाई को वह झुठला नहीं सकते। उन्होंने कहा कि मीडिया को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए न कि किसी तरह की राजनीति या निजी हित के लिए काम करना चाहिए। 

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