Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Aug, 2017 10:00 AM
डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम के चलते अदालती मामले दौरान पंजाब की अमन-शांति बरकरार रखने के लिए पंजाब के दूसरे 10 जिलों की तरह मोगा में लगाए गए कफ्र्यू दौरान बसें बंद रहने के कारण पंजाब रोडवेज को बड़ा आॢथक घाटा झेलना पड़ा है। ऐ
मोगा (ग्रोवर): डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम के चलते अदालती मामले दौरान पंजाब की अमन-शांति बरकरार रखने के लिए पंजाब के दूसरे 10 जिलों की तरह मोगा में लगाए गए कफ्र्यू दौरान बसें बंद रहने के कारण पंजाब रोडवेज को बड़ा आॢथक घाटा झेलना पड़ा है। ऐसे ही हालात प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों के हैं, जो 3 दिन बस सेवा बंद रहने के कारण अपनी बसें मोगा के अड्डे में ही खड़ी कर बैठे रहे।
‘पंजाब केसरी’ की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार पंजाब रोडवेज के मोगा तथा जगराओं डिपो को 60 लाख रुपए से ज्यादा नुक्सान हुआ है, जबकि प्राइवेट बसों को इसी रूट पर इससे अधिक घाटा होने का पता चला है, क्योंकि प्राइवेट बसों के मोगा-जगराओं के ज्यादा रूट हैं।
जानकारी के अनुसार मोगा डिपो की 85 बसें हैं, जो रोजाना लगभग 32 हजार किलोमीटर का रास्ता तय कर लोगों को उनकी मंजिल पर पहुंचाती हैं तथा इनसे विभाग को रोजाना 8 से 9 लाख रुपए आमदन होती है। जगराओं डिपो में 76 बसें रोडवेज की हैं, जो रोजाना तकरीबन 23-24 हजार किलोमीटर का सफर तय करती हैं और इनकी रोजाना आमदन 6 से 7 लाख रुपए है।
मोगा डिपो की 42 रोडवेज तथा 43 पनबस की बसें श्रीगंगानगर के लिए 6, दिल्ली 4, जम्मू, शिमला, चंडीगढ़ 23, पठानकोट 3, देहरादून, ङ्क्षचतपूर्णी, अमृतसर 15, जालंधर 13, पहेवा लंबे रूट पर चलती हैं। जगराओं डिपो की 76 बसें पनबस तथा पंजाब रोडवेज की चंडीगढ़ के लिए 13, जम्मू 2, दिल्ली 2, अमृतसर 12, ङ्क्षचतपूर्णी, चंडीगढ़ 12, डबवाली 2, श्रीगंगानगर 1, फाजिल्का 2 के लंबे रूट पर चलती हैं। दोनों डिपुओं में प्राइवेट बसों के आने-जाने के समय रोडवेज से ज्यादा हैं। दोनों डिपुओं के रोडवेज अधिकारियों ने संपर्क करने पर पुष्टि की कि पंजाब बंद के दौरान विभाग को बड़ा आॢथक नुक्सान हुआ है।
ठेके पर बसें लेकर कारोबार करने वाले ट्रांसपोर्टर ङ्क्षचता में डूबे
जानकारी के मुताबिक मोगा जिले में बहुत सारे ट्रांसपोर्टर ऐसे हैं, जो बड़े ट्रांसपोर्ट घरानों से बसें ठेके पर लेकर अपना कारोबार करते हैं, लेकिन 3 दिन लगातार बस सेवा बंद रहने के कारण इन ट्रांसपोर्टरों को ठेके के पैसे तो उतने ही रोजाना भरने पड़ रहे हैं, लेकिन कारोबार न चलने के चलते उन्हें नुक्सान हुआ है। आज इस कारोबार के साथ जुड़े एक ट्रांसपोर्टर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि चाहे आज कारोबार तो चला है, लेकिन अभी भी लोगों में सहम के चलते सवारियां बहुत कम थीं।