Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Sep, 2017 03:11 PM
गत 1 माह से कपूरथला शहर सहित पूरे जिले में डेंगू बुखार ने इस कदर प्रकोप फैला दिया है कि शहर ने लोगों के दिलो-दिमाग पर आतंकवाद से भी कहीं अधिक खौफ पैदा कर दिया है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में लाखों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं........
कपूरथला (भूषण): गत 1 माह से कपूरथला शहर सहित पूरे जिले में डेंगू बुखार ने इस कदर प्रकोप फैला दिया है कि शहर ने लोगों के दिलो-दिमाग पर आतंकवाद से भी कहीं अधिक खौफ पैदा कर दिया है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में लाखों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए उत्तरदायी माने जाने वाले स्वास्थ्य विभाग की नाकामी का आलम यह है कि कपूरथला शहर व आसपास के क्षेत्रों में डेंगू से पीड़ित लोगों की संख्या का आंकड़ा 1 हजार से भी ऊपर पहुंच जाने के बावजूद भी लोगों का विश्वास सरकारी अस्पतालों से इस कदर उठ चुका है कि डेंगू से निपटने के लिए जरूरी सुविधाओं की जबरदस्त कमी के कारण लोग किसी अनहोनी के डर से जालंधर व लुधियाना के निजी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों से डेंगू पीड़ितों का उठता जा रहा विश्वास
सिविल अस्पताल कपूरथला सहित जिलेभर के सरकारी अस्पतालों में डेंगू के सीजन में बदहाली का आलम तो यह है कि डेंगू का शिकार हो रहे लोग सरकारी अस्पतालों में प्लेटलैट्स मशीनों के न होने व डाक्टरों में इच्छाशक्ति की कमी को देखते हुए अपनी जान बचाने के लिए जालंधर व लुधियाना के निजी अस्पतालों में हजारों रुपए खर्च कर इलाज करा रहे हैं। लोगों की इस दहशत को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू से पीड़ित मरीजों का कोई पुख्ता आंकड़ा नहीं है।
विगत वर्ष डेंगू से हुई 15 मौतों व 2000 से अधिक लोगों का डेंगू का शिकार होने से लोगों का जिले के सरकारी अस्पतालों से मोह पूरी तरह से भंग हो चुका है, जिस कारण मध्यम व गरीब वर्ग के परिवारों से संबंधित लोग भी अपनी जान बचाने के लिए जालंधर व लुधियाना के निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।
आम लोगों में डेंगू से निपटने के लिए है जागरूकता की कमी
स्वास्थ्य विभाग की डेंगू से निपटने के लिए लगातार नाकामी का आलम यह है कि डेंगू होने के बावजूद भी जब आम लोग एंटी बायटिक दवाइयां लेने शुरू करते हैं तो उनके शरीर के सैल एकदम से घटने शुरू हो जाते हैं, जिस कारण जब उनकी तबीयत एकदम बिगड़ जाती है तो उन्हें अपने इलाज के लिए कई बार अपनी पूरी उम्र की कमाई खर्च करनी पड़ती है। असल में सच्चाई तो यह है कि डेंगू मरीजों को डेंगू से मुक्ति के लिए एंटी बायटिक दवाइयां लेना जहां एक बेहद भयानक कदम हो सकता है। वहीं इससे मरीज की जिंदगी को भी खतरा हो सकता है, लेकिन इस संबंधी स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई पुख्ता मुहिम न चलाने के कारण लोग जाने-अनजाने बुखार होने पर एंटी बायटिक दवाइयां ले रहे हैं।
सरकार की अजीबो गरीब पॉलिसी कारण प्लेटलैट्स मशीन से महरूम है सिविल अस्पताल कपूरथला
डेंगू से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने प्रदेशभर के एक अजीबो गरीब व चौंकाने वाली पॉलिसी लांच करते हुए सिर्फ 5 बड़े शहरों जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला व बङ्क्षठडा में ही डेंगू मरीजों को प्लेटलैट्स चढ़ाने के लिए मशीनें लगाई हैं, जबकि इन मशीनों से प्रदेश का 80 प्रतिशत से भी ज्यादा क्षेत्र महरूम हैं। इस कारण डेंगू से पीड़ित मरीजों को जहां अपने क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में प्लेटलैट्स चढ़ाने की सुविधा न मिलने के कारण गरीब लोगों को हजारों रुपए की रकम खर्च कर महंगे निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जो कहीं न कहीं सरकार की स्वास्थ्य कार्यक्रम के लगातार निकल रह जनाजे की ओर इशारा कर रहा है।
क्या कहते हैं डी.सी.
इस संबंध में जब डी.सी. मोहम्मद तैयब से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि डेंगू से निपटने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कई निर्देश दिए हैं और उन्होंने सिविल अस्पताल का जायजा लिया है। इसके बावजूद भी वह डाक्टरों की विशेष मीटिंग बुलाकर नए दिशा-निर्देश जारी करेंगे।
क्या कहना है कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत का
इस संबंध में जब क्षेत्र विधायक व प्रदेश के सिंचाई व बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि डेंगू का इस कदर फैलना बेहद दु:खदाई है जिससे निपटने के लिए वह पूरी तरह से गम्भीर हैं। इस मकसद से उन्होंने सोमवार को सिविल सर्जन डा. हरप्रीत सिंह काहलों व शहर के गण्यमान्य व्यक्तियों पर आधारित एक विशेष टीम को इस संबंधी रणनीति बनाने के आदेश दिए हैं।
विदेशों में बैठे लोग भी सहमे, कपूरथला आने का प्रोग्राम टाला
गौरव के अनुसार डेंगू की दस्तक से एन.आर.आइज ने कुछ समय के लिए अपना कपूरथला दौरा टाल दिया है। कपूरथला से अमरीका गए योगराज अग्रिहोत्री व मनी अग्रिहोत्री मालिक सनस्टार ट्रकिंग कम्पनी सिएटल (यू.एस.ए.) ने फोन पर बताया कि दीवाली के त्यौहार पर अपने पारिवारिक मैम्बरों को मिलने उनके जैसे कई एन.आर.आइज ने अपने शहर कपूरथला आना था, परंतु कपूरथला में फैली डेंगू की महामारी संबंधी अखबारों व टी.वी. चैनलों पर खबरें देखकर सभी ने भारत दौरे का प्रोग्राम कुछ दिनों के लिए टाल दिया है। इतना ही नहीं उन सभी को कपूरथला में अपने पारिवारिक मैम्बरों की सेहत संबंधी चिंता भी सता रही है।
जिक्रयोग्य है कि कपूरथला शहर दूसरे नम्बर पर डेंगू की महामारी से जकड़ा हुआ है, परंतु गत वर्ष से सबक न लेते हुए इस वर्ष भी डेंगू ने नगर कौंसिल व सेहत विभाग की लापरवाहियों कारण अपने पैर पसार लिए हैं। कपूरथला में डेंगू पीड़ित व्यक्ति शहर के निजी अस्पतालों जालंधर आदि में भर्ती हुए हैं। विदेशों में बैठे आप्रवासियों के पंजाब न आने और आने वाले त्यौहारी सीजन दौरान बाजारों में रौनक घटने के काफी आसार हैं। विदेशों में बैठे आप्रवासी भारतीयों ने पंजाब सरकार व जिला प्रशासन से पुरजोर मांग की कि कपूरथला में डेंगू की फैल रही बीमारी को खत्म किया जाए व लोगों को तंदरुस्ती जीवन जीने में सहायता की जाए।