Edited By Updated: 05 Jan, 2017 08:11 AM
देश में 8 नवम्बर के बाद से लागू हुई नोटबंदी को लेकर भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को चिंता सताने लगी है।
जालंधर(पाहवा): देश में 8 नवम्बर के बाद से लागू हुई नोटबंदी को लेकर भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को चिंता सताने लगी है। संघ जोकि उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का सपना देख रही है, इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए संघ ने भाजपा के आला नेताओं के साथ अहमदाबाद में 2 दिवसीय गुप्त बैठक रखी है। फरवरी तथा मार्च में पंजाब, उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर में चुनाव होने हैं। इन चुनावों में नोटबंदी को लेकर किस प्रकार का असर रहता है, यह तो 11 मार्च के परिणाम ही बताएंगे, लेकिन जिस तरह से देशभर में कुछ स्थानों पर नोटबंदी को लेकर प्रतिक्रिया आ रही है, उसे लेकर भाजपा की मैंटर आर.एस.एस. चिंता में पड़ गई है। देश में कांग्रेस मुक्त भारत का अभियान चला रहे संघ को लगता है कि इस नोटबंदी के कारण भाजपा के विजय रथ के मार्ग में अड़चन पैदा हो सकती है।
भागवत, राम लाल व माधव में बैठक
अहमदाबाद में 4 व 5 जनवरी को होने वाली बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत तथा भाजपा के केंद्रीय स्तर के आला नेता मौजूद रहेंगे। इनमें संगठन मंत्री राम लाल तथा महासचिव राम माधव के शामिल होने की चर्चा है। मोहन भागवत इन दिनों गुजरात के दौरे पर हैं तथा वहां पर वह अलग-अलग बैठकें कर स्वयंसेवकों को अगली रणनीति के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
खुद भाजपा में विरोध
सूत्र बताते हैं कि पहले दिन की बैठक में भाजपा के कुछ नेताओं के साथ नोटबंदी को लेकर चर्चा की गई, जिसमें यह बात सामने आई है कि खुद भाजपा के सांसद तथा कई बड़े पदाधिकारी नोटबंदी की इस व्यवस्था से खुश नहीं हैं। अब कुल मिलाकर इस समस्या का हल तलाशने के लिए काम शुरू हो चुका है तथा संघ की कोशिश है कि जैसे-तैसे नोटबंदी के असर को चुनावों से पहले-पहले खत्म किया जाए ताकि भाजपा को विधानसभा चुनावों में सफलता मिल सके।