Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 12:36 AM
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा की अगुवाई में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों के एक शिष्टमंडल ने विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह से मुलाकात कर विधानसभा की वर्ष में कम से कम 40 बैठकें आयोजित करने व विधानसभा की कार्रवाई के लाइव...
चंडीगढ़(शर्मा): पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा की अगुवाई में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों के एक शिष्टमंडल ने विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह से मुलाकात कर विधानसभा की वर्ष में कम से कम 40 बैठकें आयोजित करने व विधानसभा की कार्रवाई के लाइव प्रसारण की मांग की।
खैहरा ने विधायक कंवर संधू, रूपिंद्र कौर रूबी, पिरमल सिंह खालसा तथा कुलवंत सिंह पंडोरी के साथ स्पीकर को सौंपे गए मांग पत्र में कहा है कि 1952 से 1977 तक की विधानसभा की कार्रवाई के अध्ययन से साफ हो जाता है कि उस समय आज के मुकाबले विधानसभा की वर्ष भर में बैठकें कहीं अधिक होती थीं। 1960 से 1966 के वर्षों में विधानसभा की प्रतिवर्ष क्रमश: 55, 37, 44, 54, 56, 67 तथा 32 बैठकें आयोजित की गईं। विधानसभा की कार्रवाई के इतिहास पर नजर डालने से यह भी स्पष्ट हो जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों विधायकों को बहस में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते थे व खुद घंटों बहस का जवाब देते थे, जिस कारण विधानसभा में खलल की संभावनाएं भी कम होती थीं।
पत्र में कहा गया है कि विधानसभा के पिछले सत्र के दौरान भी कार्रवाई में रुकावट व खलल सिर्फ इस कारण ही पड़ा कि सदस्यों को जनहित के मामले सदन में उठाने का समय नहीं दिया गया। आज भी पंजाब के सामने किसानों की आत्महत्याओं, किसानों द्वारा पराली जलाने जैसे ज्वलंत मुद्दों के अलावा विभिन्न आयोगों व कमेटियों की रिपोर्ट्स पर चर्चा करना जरूरी है। शिष्टमंडल ने अपने मांग पत्र में संसद व दिल्ली, केरल तथा आंध्र प्रदेश विधानसभाओं की तर्ज पर सदन की कार्रवाई के सीधे प्रसारण की भी मांग की ताकि लोग अपने प्रतिनिधियों व सरकार की कारगुजारी को देख सकें।