Edited By Vatika,Updated: 10 May, 2018 11:09 AM
अप्रवासी पंजाबियों द्वारा त्याग दी गई लड़कियों को बचाने और भगोड़े दूल्हों की स्वदेश वापसी के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मुहिम शुरू करेगी। इसका ऐलान बुधवार को कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके और महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा ने पत्रकारों...
नई दिल्ली: अप्रवासी पंजाबियों द्वारा त्याग दी गई लड़कियों को बचाने और भगोड़े दूल्हों की स्वदेश वापसी के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मुहिम शुरू करेगी। इसका ऐलान बुधवार को कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके और महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए किया। कमेटी के मुताबिक पंजाब में इस समय अप्रवासी पंजाबियों द्वारा त्याग दी गई लड़कियों की संख्या लगभग 30 हजार तक पहुंच चुकी है।
गुरबचन सिंह जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब को विनती पत्र भेज कर जीके ने अप्रवासी दूल्हों के आनंद कारज किसी भी गुरुद्वारा साहिब में करवाने से पहले गुरुद्वारा प्रबंधकों को पूर्ण तौर पर जांच पड़ताल करने के बाद ही आनंद कारज करवाने संबंधी आदेश देने की जत्थेदार से अपील की है। इस संबंधी केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह को भी पत्र भेजा है। जिसमें इस मामले में पीड़ित लड़कियों को इंसाफ दिलवाने के लिए कानून बनाने की मांग की गई है। साथ ही सरकारी दफ्तरों में आपसी तालमेल पैदा करके विदेशों से भगोड़े दूल्हों का प्रत्यापर्ण करवाने की सलाह दी गई है।
जीके ने इस संबंधी दिल्ली कमेटी द्वारा एनआरआई मामलों का सेल बनाने का एलान करते हुए इसकी जिम्मेदारी कमेटी के कानूनी विभाग प्रमुख जसविन्दर सिंह जौली द्वारा संभालने की जानकारी दी। पीड़ित सतविन्दर कौर ने इस मामले में लड़कीयों को पेश आ रही मुश्किलों का विवरण देते हुए कहा कि हमारी सिर्फ अब एक सोच है कि हमारी जिंदगी जिस तरीके से इस समाजिक बुराई ने खत्म की है, वो भुगतान किसी और बेटी-बहन को न करना पड़े। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस मामले में त्याग दी गई लड़कीयों के लिए इस्तेमाल किए जाते ‘‘हनीमून दुल्हन’’ शब्द को ऐतराज योग्य और स्त्रियों को इस्तेमाल करने के पदार्थ के रूप में पेश करने वाला समाज का घटिया नजरिया बताया।