Private अस्पताल में मरीज की मौत, परिवार ने डॉक्टरों पर लगाए गंभीर आरोप

Edited By Vatika,Updated: 11 Nov, 2020 02:39 PM

death of a patient in a private hospital

जे.पी. नगर में स्थित अग्रवाल अस्पताल एक बार फिर उस समय सुर्खियों में आ गया जब यहां डाक्टर की लापरवाही कारण एक सरकारी कर्मचारी की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डाक्टरों की लापरवाही के कारण उनके घर के सदस्य जान गई है

जालंधर (सोनू):  जे.पी. नगर स्थित अग्रवाल अस्पताल एक बार फिर उस समय सुर्खियों में आ गया जब यहां डाक्टर की लापरवाही के कारण एक सरकारी कर्मचारी की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डाक्टरों की लापरवाही के कारण उनके घर के सदस्य की जान गई है। मृतक की पहचान सत्तपाल पुत्र बलदेव कुमार निवासी बस्ती गुज़ा के रूप में हुई है। सत्तपाल बस्ती दानिशमंदा स्थित सरकारी डिस्पेंसरी में दर्जा चार का कर्मचारी था।

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जानें क्या है पूरा मामला
मृतक के भाई ने बताया कि सत्तपाल को सोमवार सेहत ख़राब होने के कारण अग्रवाल हस्पताल में दाख़िल करवाया गया था और शाम को डाक्टरों की तरफ से छुट्टी दे दी गई थी। उस समय डाक्टरों ने अगले दिन फिर से अस्पताल लेकर आने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि मंगलवार जब फिर से अस्पताल में दाख़िल करवाया गया तो डाक्टरों ने खून चढ़ाने की बात कही।

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स्टाफ ने बताया ब्लड ग्रुप गलत
यहां लैब की तरफ से टैस्ट करने के बाद स्टाफ ने 'ए' पॉजिटिव ब्लड लाने के लिए कहा। इसके बाद परिवार वाले जब सिविल अस्पताल ब्लड लेने गए तो वहां की लेबोरेटरी की तरफ से टैस्ट करने के बाद मरीज़ का ब्लड ग्रुप 'ओ' पॉजिटिव बताया गया। बाद में डाक्टरों को जब आकर यहां बताया गया तो यहां से डाक्टर मुनीश अग्रवाल ने सिविल अस्पताल की कारगुज़ारी पर भी सवाल खड़े किए। बाद में बाहर से किसी प्राईवेट लैब में से टैस्ट करवाया गया तो फिर 'ओ' पॉजिटिव ही निकला जबकि इस अस्पताल की तरफ से 'ए' पॉजिटिव लाने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि फिर साढ़े 3 बजे के करीब ब्लड लाया गया, जोकि मरीज़ को चढ़ाया ही नहीं गया। डाक्टरों ने शाम करीब साढ़े 7 बजे के बाद में किसी अन्य अस्पताल में मरीज़ को लेकर जाने के लिए कह दिया। उन्होंने बताया कि मरीज़ को जब किसी अन्य अस्पताल में ले जाने के लिए एंबुलेंस लाई गई और बाहर करीब आधे घंटे तक एंबुलेंस भी खड़ी रही।

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बाद में मरीज़ को डिसचार्ज करने के दौरान पता लगा कि मरीज़ की पहले ही मौत हो चुकी थी जबकि डाक्टरों की तरफ से मरीज़ की मौत के बारे कुछ नहीं बताया गया। परिवार वालों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें यह तक नहीं बताया कि मरीज़ की मौत हो चुकी है। बाद में परिवार वालों की तरफ से अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया गया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे थाना बस्ती बावा खेल की पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर सिविल अस्पताल में रखवा दिया है, जहां पोस्टमार्टम के बाद लाश परिवार के हवाले की जाएगी। बस्ती थाना बावा खेल के एस.एच. ओ. ने अनिल कुमार ने बताया कि मृतक के परिवार वालों की तरफ से उन्हें इस संबंधित शिकायत दे दी गई है और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इससे पहले भी इस निजी अस्पताल में से ऐसे केस सामने आ चुके हैं।
 

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