Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 07:43 AM
एकतरफ जहां गुरु की नगरी में भीख मांगने व बाल मजदूरी करने पर जिला मैजिस्ट्रेट की तरफ से प्रतिबंध लगाया गया है, वहीं दूसरी तरफ बाहरी राज्यों से आया एक भिखारी गैंग भीख मांगने के लिए मानवता की सारी हदों को पार करता नजर आ रहा है।
अमृतसर(नीरज): एकतरफ जहां गुरु की नगरी में भीख मांगने व बाल मजदूरी करने पर जिला मैजिस्ट्रेट की तरफ से प्रतिबंध लगाया गया है, वहीं दूसरी तरफ बाहरी राज्यों से आया एक भिखारी गैंग भीख मांगने के लिए मानवता की सारी हदों को पार करता नजर आ रहा है। महानगर के पॉॅश इलाके लारैंस रोड, माल रोड, अमृतसर के एंट्री प्वाइंट पर कुछ भिखारी बच्चों के कान काटकर उनको खून से लथपथ होता दिखाकर वाहन चालकों से भीख मांग रहे हैं।
उक्त भिखारियों की गतिविधियों को कई दिनों तक नोटिस करने के बाद जब एक समाजसेवक ने भिखारी से कहा कि इस बच्चे को यदि इलाज की जरूरत है तो इसका इलाज फ्री में करवा देते हैं और रैड क्रास दफ्तर से भी मदद ली जा सकती है, लेकिन भिखारी ने समाजसेवक के परामर्श की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया और अपनी पोल खुलती देख अड्डा ही बदल लिया, लेकिन दूसरे अड्डे पर भी लोगों की उस क्रूर भिखारी पर नजर पड़ गई, जो बच्चों के कान काटकर खून से लथपथ करके भीख मांग रहा है, विशेष रूप से कार सवारों व चौपहिया वाहन चालकों से बच्चे के इलाज के लिए आर्थिक मदद मांगने की आड़ में भीख मांग रहा है।
उक्त भिखारी गैंग को देखने के बाद आम लोगों का यही मानना है कि यह भिखारी गैंग भीख मांगने के काम को पेशे के रूप में लेकर काम कर रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। भिखारी गैंग की इन हरकतों से गुरु की नगरी में आने वाले टूरिस्टों के समक्ष भी अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता है। जिला प्रशासन व पुलिस को इस भिखारी गैंग को पकडऩे की जरूरत है।
दिल्ली, मुंबई व अन्य बड़े राज्यों में बच्चों के अंग किए जाते हैं भंग
अमृतसर जिले की बात करें तो वैसे तो यहां पर दर्जनों भिखारी भीख मांगते नजर आते हैं, लेकिन किसी बच्चे के अंग काटकर उसको लहूलुहान करते सड़कों पर घूमकर भीख मांगते भिखारी बड़े नगरों दिल्ली, मुंबई व अन्य बड़े महानगरों में देखे जाते हैं। इन राज्यों में सरगर्म भिखारी गैंग बड़ी ही क्रूरता से बच्चों के अंग जैसे टांगें, बाजू, आंखें आदि निकाल देते हैं और फिर उनसे भीख मंगवाई जाती है, लेकिन अब इस प्रकार का स्टाइल अमृतसर की सड़कों पर भी नजर आना शुरू हो गया है, जिसको देखकर आम आदमी का दिल पसीज जाता है।
अमानवीय ढंग से छोटे बच्चों को पिलाई जाती है बेहोशी की दवा
बच्चों के अंग-भंग करके भीख मांगने वाले भिखारी गैंग की क्रूरता अपनी सारी हदें पार कर चुकी है। दो से तीन वर्ष के बच्चों को जहां कान काटकर लहूलुहान किया जाता है तो वहीं बच्चे को बेहोशी की दवा पिलाकर बेहोश कर दिया जाता है ताकि वह न तो चिल्ला सके और न ही रो सके। इन भिखारी गैंगों के पास बेहोशी कीदवा कहां से आती है, इसकी भी जांच करने की जरूरत है।
किडनैपिंग करके भीख के काम में लगाते हैं बच्चें को
जिन बच्चों के अंग भंग करके भीख मंगवाई जाती है या फिर भीख के काम में प्रयोग किया जाता है, ये बच्चे भिखारियों के अपने नहीं होते हैं बल्कि किडनैप करके इन बच्चों को भीख के काम में लगाया जाता है। देश के बड़े महानगरों में पुलिस की तरफ से कई भिखारी गैंगों को पकड़ा गया है जो बच्चों को किडनैप करके उनसे भीख मंगवाते हैं और भीख मंगवाने के लिए बच्चों के अंग काट देते हैं।
अमृतसर में बच्चों के अंग काटकर भीख मांगने वाले भिखारी गैंग को पकड़कर बच्चों का डी.एन.ए. टैस्ट करवाया जाए तो सच्चाई सामने आ सकती है। उन बेबस परिवारों में फिर से खुशी के दीप जलाए जा सकते हैं, जिनके बच्चों को इन भिखारी गैंगों ने किडनैप किया है। जिला प्रशासन व पुलिस को इस मामले की गंभीरता की तरफ ध्यान देने की जरूरत है और मासूम बच्चों को इन अपराधी प्रवृत्ति के भिखारियों के चंगुल से छुड़ाने की सख्त जरूरत है।