पंजाब में बारिश व ओलावृष्टि से फसलें प्रभावित

Edited By Anjna,Updated: 08 Feb, 2019 08:53 AM

crops affected by rain and hailstorm in punjab

पंजाब के विभिन्न जिलों में गत रात से हो रही भारी बारिश ने विभिन्न फसलों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। विशेषकर सब्जियों व सरसों समेत कई फसलें ओलावृष्टि के कारण बिछ गई हैं।

गुरदासपुर (हरमनप्रीत): पंजाब के विभिन्न जिलों में गत रात से हो रही भारी बारिश ने विभिन्न फसलों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। विशेषकर सब्जियों व सरसों समेत कई फसलें ओलावृष्टि के कारण बिछ गई हैं। इतना ही नहीं, गर्मियों के लिए सब्जियों के लिए बोई गई पनीरी और बीज भी बारिश से प्रभावित हुए हैं जिस कारण किसान ङ्क्षचतित हैं। 
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गेहूं की फसल पीली पडऩे की संभावना
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं के जिन खेतों में पानी नहीं खड़ा हुआ, उन खेतों में तो फसल का अधिक नुक्सान होने की संभावना नहीं है, मगर जहां-जहां ओलावृष्टि के बाद अब तक खेतों से पानी का निकास नहीं हुआ, उन्ह खेतों में फसल पीली पडऩे की संभावना है। इसके अलावा राज्य में अभी भी 400 लाख क्विंटल से अधिक गन्ना खेतों में खड़ा है, जिसकी कटाई का काम और पिछड़ जाएगा। 
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कैप्टन ने ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुक्सान के लिए विशेष गिरदावरी के आदेश दिए
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में ओलावृष्टि के कारण फसलों के हुए नुक्सान का अनुमान लगाने के लिए विशेष गिरदावरी के आदेश दिए हैं। प्रवक्ता के अनुसार ओलावृष्टि के कारण हुए संभावित नुक्सान का आकलन सभी डिप्टी कमिश्नरों व राजस्व विभाग के स्टाफ द्वारा किया जाएगा। इन्हें इस संबंधी रिपोर्ट राज्य सरकार के समक्ष समय पर पेश करने के लिए कहा गया है।

पंजाब में हुई 41.3 एम.एम. बारिश
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज पंजाब के विभिन्न हिस्सों में औसतन 41.3 एम.एम. बारिश दर्ज की गई है, जो इस समय जरूरी समझी जा रही 40.4 एम.एम. बारिश से अधिक है।  सबसे ज्यादा बारिश गुरदासपुर जिले में दर्ज की गई है। यहां पर इस समय आवश्यक 71 एम.एम. बारिश के मुकाबले 133 एम.एम. बारिश हुई है। लुधियाना और गुरदासपुर समेत कई जिलों में फरवरी महीने हुई इस बारिश ने पिछले कई वर्षों के रिकार्ड तोड़ दिए हैं।
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मक्की की बिजाई की संभावना हुई खत्म
ओलावृष्टि और वर्षा ने सरसों की फसल को भी नुक्सान पहुंचाया है, साथ ही 10 फरवरी तक बोई जाने वाले मक्की की बिजाई की संभावना भी समाप्त हो चुकी है। बागवानी विकास अधिकारी डा. प्रितपाल सिंह बाठ ने बताया कि इस वर्षा ने सबसे अधिक नुक्सान सब्जियों का किया है, क्योंकि वर्षा से आलुओं की खुदाई के काम देरी होने के अलावा आलुओं के गलने की संभावना भी बढ़ गई है। गोभी की फसल में भी बारिश के बाद फूल एकदम तैयार हो जाएगा जिस कारण मंडियों में गोभी की आमद में एकदम वृद्धि होने से किसानों को इसका पूरा मूल्य नहीं मिल सकेगा। मटर की फसल भी बारिश ने प्रभावित की है, क्योंकि बारिश के पानी से मटर में फलियां आनी शुरु हो जाएंगी। इसके साथ ही जिन किसानों ने गर्मियों के सीजन के लिए अग्रिम बिजाई की है, उन सब्जियों की पनीरी और बीज भी बारिश के पानी में डूब जाने से भारी नुक्सान हुआ है।

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