DSP ढिल्लों चिट्टे की डली रख कर बोला-इसे पीना सीखो यही है आजकल का फैशन

Edited By Anjna,Updated: 29 Jun, 2018 07:31 AM

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‘आप’ के विधायक सुखपाल खैहरा व लोक इंसाफ पार्टी के लुधियाना से विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने नशा पीड़ित एक लड़की को मीडिया के समक्ष पेश करके प्रैस कांफ्रैंस की व कपूरथला में डी.एस.पी. रहे दलजीत सिंह ढिल्लों के खिलाफ कई खुलासे किए।

जालंधर(अजीत सिंह बुलंद): ‘आप’ के विधायक सुखपाल खैहरा व लोक इंसाफ पार्टी के लुधियाना से विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने नशा पीड़ित एक लड़की को मीडिया के समक्ष पेश करके प्रैस कांफ्रैंस की व कपूरथला में डी.एस.पी. रहे दलजीत सिंह ढिल्लों के खिलाफ कई खुलासे किए। पीड़िता ने बताया कि उसने एक शिकायत मुख्यमंत्री को भेजी है जिसमें उसने अपने साथ जो कुछ भी हुआ उसका खुलासा किया है। लुधियाना की पीड़ित लड़की ने बताया कि उसे 2011 में उसके परिजनों ने कालेज में दाखिल करवाया था पर पढ़ाई में उसका दिल नहीं लगा तो शहर आकर एक पी.जी. में रहने लगी और साथ ही एक प्राइवेट रेस्तरां में जॉब करने लगी।

वहीं उसकी मुलाकात दविंद्र (बदला नाम) नामक एक तलाकशुदा लड़की से हुई। दविंद्र ने उसकी मुलाकात एक विधायक के बेटे अमन से करवाई। एक दिन अमन ने उन्हें अपने साथ तरनतारन जाने को कहा पर दविंद्र की सेहत खराब होने के कारण अमन सिर्फ उसे अपनी इनोवा कार में तरनतारन में डी.एस.पी. दलजीत ढिल्लों की कोठी में ले गया जहां पहले पुलिस अधिकारी ने उसे रोटी खिलाई फिर उसके आगे एक चिट्टे (हैरोइन) की डली रखी और कहा कि कभी पी है?  मना करने पर अधिकारी ने कहा कि इसे पीना सीखो, यही आजकल का फैशन है। पुलिस अधिकारी के अशोक नामक रसोईए ने उसे चिट्टा पीना सिखाया।

डी.एस.पी. ने उसे अपना नंबर दिया व कुछ दिनों बाद उसे फोन करके कहा कि अपनी सहेली को साथ लेकर मुझे मिलने आओ। अगले दिन वह बस में अपनी सहेली के साथ तरनतारन पहुंची। आगे एक स्कॉर्पियो गाड़ी में उन्हें कोई पिक करने आया था जो उन्हें डी.एस.पी. की कोठी में ले गया जहां उन दोनों को दोबारा चिट्टे का नशा करवाया गया। फिर पुलिस अधिकारी ने पीड़िता को चौबारे पर बुलाया व वहां उसका शारीरिक शोषण किया। वापस जाते वक्त लड़की ने पुलिस अधिकारी से चिट्टा मांगा तो उसने एक कांटे से तोलकर 5 ग्राम चिट्टा दिया व कहा कि उन्हें किसी से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका सारा परिवार पुलिस अधिकारियों से भरा है व बड़े-बड़े लीडरों से उनकी सैटिंग है।  

अब फ्री नहीं मिलेगा चिट्टा, लेना है तो और लड़कियां लाओ
पीड़िता ने बताया कि लुधियाना वापस आकर एक दिन उसने डी.एस.पी. को फोन करके चिट्टा मांगा तो उसने कहा कि अब फ्री में चिट्टा नहीं मिलेगा अगर लेना है तो और लड़कियां लेकर आओ। उसके बाद पीड़िता ने अपनी एक सहेली प्रीति (बदला नाम) से बात की। प्रीति पहले से ही चिट्टा सप्लाई करती थी व उसने डी.एस.पी. का नंबर लिया औरकपूरथला जाकर डी.एस.पी. से 10 ग्राम पाऊडर 2 हजार रुपए में लेकर आई। 

कैप्टन क्यों नहीं करते अपने बड़े पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई : खैहरा, बैंस
इस मौके पर खैहरा व बैंस ने कहा कि अमरेंद्र सिंह गुटका साहिब की कसमें खाकर मुकर चुके हैं। कैप्टन डी.जी.पी. सिद्धार्थ चटोपाध्याय की रिपोर्ट को क्यों अनदेखा कर रहे हैं, क्योंकि इंस्पैक्टर इंद्रजीत के सारे मामले की जांच रोक दी गई है। क्यों नशा तस्करी में डी.जी.पी., ए.डी.जी.पी., एस.एस.पी. रैंक के अधिकारियों के नाम आने के बाद भी कैप्टन ने इन बड़े पुलिस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की?  

नशा न मिलने पर पति ने कर ली आत्महत्या
एक दिन प्रीति ने पीड़िता को बलराज नामक लड़के से मिलाया व बलराज से उसकी दोस्ती करवाई। बलराज व पीड़िता में प्यार हो गया व उन्होंने मिलकर नशा छोडऩे के लिए काफी कोशिश की व इलाज भी करवाया। बलराज के साथ पीड़िता के पति-पत्नी जैसे रिश्ते बने और वह गर्भवती हो गई। एक दिन बलराज को नशे की तलब लगी पर नशा न मिल पाने के कारण उसने सल्फास पीकर आत्महत्या कर ली। जब इसका उनके परिवार वालों को पता लगा तो वे सारे वहां पहुंचे। उसने सारी कहानी अपने परिवार को बताई और बताया कि वह 4 महीने की प्रैग्नैंट है और चाहती है कि वह और उसका बच्चा बच जाएं। 

पेट में ही मर गया 4 माह का बच्चा
परिजन उसे लेकर इलाका विधायक सिमरजीत बैंस से मिले। बैंस ने उसे इलाज के लिए कपूरथला के सिविल अस्पताल में भेजा जहां उसकी सेहत बिगडऩे के चलते उसे अमृतसर के गुरु नानक अस्पताल में रैफर किया गया। इस दौरान उसके पेट में पल रहे 4 माह के बच्चे की मौत हो गई थी। गुरु नानक अस्पताल में उसका अबॉर्शन हुआ और वहीं उसका तकरीबन 1 माह तक इलाज चलता रहा। 8 महीने दवाई खाने के बाद अब वह ठीक है। 

डी.एस.पी. व इंस्पैक्टर ने आरोपों को बताया झूठा
मामले बारे पीड़िता की ओर से डी.एस.पी. दलजीत ढिल्लों पर लगाए गए आरोपों को उक्त पुलिस अधिकारी ने नकारते हुए कहा कि उक्त लड़की को वह जानते तक नहीं हैं। किसी लड़की को नशे की आदी बनाना या उसके शारीरिक शोषण का आरोप उनकी छवि को नुक्सान पहुंचाने की साजिश है। वहीं दूसरी ओर इंस्पैक्टर बलबीर सिंह ने कहा कि लड़की ने उन पर जो आरोप लगाए हैं, वे सरासर झूठे हैं। उक्त लड़की का उनके रीडर रहे इंद्रजीत नामक व्यक्ति से झगड़ा था पर इस मामले में उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

वह हर प्रकार की जांच के लिए तैयार हैं। मामले बारे पुलिस कमिश्नर प्रवीण सिन्हा ने कहा कि इंस्पैक्टर बलबीर सिंह के केस में उक्त लड़की का पुराना झगड़ा किसी इंद्रजीत नामक पुलिस कर्मी से था जिसकी इंक्वायरी जारी है व इंद्रजीत सस्पैंड है। इंस्पैक्टर बलबीर सिंह के मामले में उनके पास कभी कोई शिकायत नहीं आई, अगर कोई शिकायत आती है तो इसकी जांच की जाएगी।

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