Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 09:22 AM
वैसे तो दीवाली हर्षोल्लास व खुशियां व्यक्त करने का त्यौहार है परंतु इस बार की दीवाली पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली तथा देश के कई अन्य राज्यों के लाखों व्यापारियों को सदा याद रहेगी, क्योंकि सरकारी तथा अदालती आदेशों के कारण इस बार पटाखा व्यापार भारी...
जालंधर(खुराना): वैसे तो दीवाली हर्षोल्लास व खुशियां व्यक्त करने का त्यौहार है परंतु इस बार की दीवाली पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली तथा देश के कई अन्य राज्यों के लाखों व्यापारियों को सदा याद रहेगी, क्योंकि सरकारी तथा अदालती आदेशों के कारण इस बार पटाखा व्यापार भारी घाटे का सौदा साबित हुआ। केवल जालंधर की बात करें तो यहां पटाखा विक्रेताओं का करीब एक तिहाई स्टॉक, जो करोड़ों रुपए का बताया जा रहा है, बच गया है।
जालंधर के ही ज्यादातर छोटे दुकानदार ऐसे हैं जो इस बार पटाखों में लगाई गई पूंजी के बराबर भी कमाई नहीं कर सके। जिन दुकानदारों ने कर्ज इत्यादि लेकर पटाखे खरीदे थे उन्हें इस बार भारी घाटे का सामना करना पड़ा है। इस बार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दीवाली से चंद दिन पहले पटाखा विक्रेताओं को जारी किए गए लाइसैंस रद्द कर दिए और मात्र 20 प्रतिशत लाइसैंस दोबारा देने की शर्त लगा दी। वीरवार को दीवाली थी और जालंधर प्रशासन ने सोमवार की शाम 20 ड्रा निकाल कर दुकानदारों को नए लाइसैंस दिए। इन दुकानदारों ने मात्र 3 दिन पटाखे बेचे।
बाकी अनगिनत दुकानदार पटाखों को लेकर पशोपेश में ही रहे। कइयों ने दुकानों के अंदर रखकर पटाखा बेच तो लिया परंतु उन्हें भी पकड़े जाने का डर सताता रहा। उन्हें ऐसे महसूस हुआ जैसे वे पटाखे नहीं अफीम बेच रहे हों। पटाखा कारोबार के होलसेलरों को भी विकट स्थिति का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्होंने जो पटाखा उधार में बेचा था वह उनके पास वापस लौटना शुरू हो गया। इस बार सभी पटाखा व्यापारियों ने कई तरह के जोड़-तोड़ कर अपना कुछ स्टॉक निकाला वर्ना कइयों का दीवाला निकल जाता।