Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Dec, 2017 02:34 AM
विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में सरकार बनाने के दावे करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) मौजूदा नगर निगम चुनावों के लिए पूरे उम्मीदवार भी जुटा नहीं पाई है। हालांकि पार्टी दावा कर रही है कि सत्तासीन कांग्रेस के दबाव में कई जगहों पर उम्मीदवारों के कागज...
चंडीगढ़(रमनजीत सिंह): विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में सरकार बनाने के दावे करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) मौजूदा नगर निगम चुनावों के लिए पूरे उम्मीदवार भी जुटा नहीं पाई है।
हालांकि पार्टी दावा कर रही है कि सत्तासीन कांग्रेस के दबाव में कई जगहों पर उम्मीदवारों के कागज रद्द कर दिए गए और कई जगह उनके उम्मीदवार पार्टी सिंबल की बजाय आजाद के तौर पर मैदान में मौजूद हैं लेकिन राजनीतिक दल के लिए चुनावों दौरान उम्मीदवार न खड़े कर पाना कहीं न कहीं नुक्सानदायक सिद्ध हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक राज्य के 3 बड़े शहरों में होने वाले नगर निगम चुनावों के लिए हालांकि आम आदमी पार्टी द्वारा काफी पहले ही कसरत शुरू कर दी गई थी और राज्य स्तरीय लीडरशिप ने सभी निगम शहरों में स्थानीय यूनिटों के साथ बैठकें करके प्रत्याशी मैदान में उतारने पर भी काम किया था। शुरूआती दौर में पार्टी के सिंबल पर चुनाव लडऩे के लिए काफी उत्साह दिखाई दिया था लेकिन चुनाव नामांकन भरने का समय आते-आते पार्टी को स्थानीय स्तर पर गठबंधन करके उम्मीदवारों की संख्या पूरी करने का ‘जुगाड़’ तक करना पड़ा है। पंजाब के पुराने नगर निगमों में शुमार जालंधर में आम आदमी पार्टी मात्र 46 प्रत्याशी ही खड़े कर पाई है जबकि जालंधर नगर निगम में कुल वार्डों की संख्या 80 है। यहां से कुछेक पार्टी प्रत्याशियों के कागज रद्द हुए और कुछेक पार्टी से बागी भी हुए हैं।
वहीं ऐतिहासिक गुरु नगरी अमृतसर नगर निगम में प्रत्याशियों की संख्या पूरी करने के लिए सी.पी.आई. व बी.एस.पी. के साथ गठबंधन किया गया है। यहां पर भी पार्टी के कुछ कार्यकत्र्ता पार्टी सिंबल की बजाय आजाद के तौर पर खड़े हुए हैं। उधर पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के गृह नगर पटियाला के नगर निगम चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को प्रत्याशियों के लाले पड़े हैं। पार्टी यहां पर 48 ही प्रत्याशी मैदान में उतारने में सफल रही है जबकि यहां कुल 60 वार्ड हैं।
इस संबंध में पार्टी के पंजाब उपाध्यक्ष व सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि म्यूनिसिपल चुनाव दौरान सत्तापक्ष द्वारा लोकतांत्रिक मर्यादा को तार-तार किया जा रहा है। हमारी पार्टी के कई प्रत्याशियों को नामांकन वापस लेने के लिए धमकाया भी गया और न मानने पर कोई न कोई खामी निकालकर कागज भी रद्द कर दिए गए लेकिन सत्तापक्ष के हर दबाव व जुल्म का सामना करते हुए फिर भी आम आदमी पार्टी के कार्यकत्र्ता डटकर मैदान में जमे हुए हैं और सत्तापक्ष को करार जवाब देंगे।