Edited By Vatika,Updated: 03 Jun, 2020 09:29 AM
पिछले कुछ समय से राज्य में कोरोना वायरस के ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है जिसमें मरीज किसी न किसी संक्रमित व्यक्ति के
लुधियाना(सहगल): पिछले कुछ समय से राज्य में कोरोना वायरस के ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है जिसमें मरीज किसी न किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया और कोरोना वायरस का पॉजीटिव मरीज बन गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकांश शीर्ष अधिकारी भी इस बात पर जोर देते हैं कि राज्य में अभी कम्युनिटी स्प्रैड यानी सामुदायिक प्रसार के कोई आसार नहीं हैं पर ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिससे यह संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में सामुदायिक प्रसार के मामले सामने आ सकते हैं।
राज्य में 55 मामलों का नहीं पता चला सोर्स
अभी तक राज्य में 55 मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें स्वास्थ्य विभाग यह पता नहीं लगा पाया कि मरीज को कोरोना वायरस का संक्रमण कहां से हुआ। मुख्यमंत्री ने शनिवार को कोरोना वायरस के संदर्भ में कम्युनिटी स्प्रैड पर टिप्पणी की थी। हालांकि राज्य का स्वास्थ्य विभाग ऐसे आंकड़े देने से कतराता है जिससे जाहिर हो कि कोरोना वायरस के मरीज बिना किसी कांटैक्ट हिस्ट्री के सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जो आंकड़े तैयार किए हैं, उनके अनुसार 11 मई से 30 मई तक कुल सामने आए कोरोना वायरस के मामलों में 35 प्रतिशत ऐसे थे जो किसी न किसी मरीज के सम्पर्क में आने से संक्रमित हुए थे। यानी इस अवधि के दौरान 164 लोग जो कोरोना पॉजीटिव अन्य मरीजों के संपर्क में आए, इनमें से 106 एक सप्ताह के भीतर ही संक्रमित हुए। इनमें से अधिकतर मामले अमृतसर, जालंधर, पठानकोट तथा लुधियाना से संबंधित थे। उदाहरण के तौर पर 24 मई को 15 पॉजीटिव मरीज सामने आए जिसमें से 12 के संपर्क का पता चल पाया जबकि 3 का नहीं। इसी तरह 26 मई को 25 में से 19 मरीज अन्य मरीजों के संपर्क में आने से संक्रमित हुए। इसी तरह 28 मई को सामने आए 19 मरीजों में से 12 अन्य मरीजों के संपर्क में आने से संक्रमित हुए जबकि 7 का पता नहीं चल पाया। 31 मई को 30 में से 14 मरीजों के ही संपर्क ढूंढे जा सके।
अधिक आबादी वाले शहरों में संक्रमण बढऩा चिंता का विषय : डा. तलवाड़
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. के.के. तलवाड़ का कहना है कि जिन शहरों की आबादी अधिक है, वहां कोरोना वायरस के मामले बढऩा चिंता का विषय है। यहां सोशल डिस्टैंसिंग एक मुश्किल काम है। राज्य सरकार संक्रमित मरीजों को जल्द पहचान कर आइसोलेट करने उनके टैसिटंग करने पर फोकस कर रही है। इस विषय पर डोर-टू-डोर होम सर्विलांस कार्यक्रम शुरू करने की योजना है जिसे आशा वर्कर व अन्य साधनों से पूरा किया जाएगा।
सामुदायिक स्तर पर फैल रहा है करोना वायरस :विशेषज्ञ
हाल ही में आई.सी.एम.आर. तथा एम्स के विशेषज्ञों के एक दल ने इस बात पर आशंका जाहिर की कि देश और रा’य की घनी और मध्यम आबादी वाले क्षेत्रों में कोरोना वायरस सामुदायिक प्रसार की ओर अग्रसर हो चुका है। भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ आई.पी.एच.ए. तथा इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवैंटिव एंड सोशल मैडीसिन ने प्रधानमंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा कि घनी और मध्यम आबादी वाले क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण के सामुदायिक प्रसार की पुष्टि हो चुकी है और इस स्तर पर कोरोना वायरस को समाप्त करना मुश्किल जान पड़ता है।
पंजाब में सामुदायिक प्रसार नहीं हुआ :डॉ. भास्कर
पंजाब में कोरोना वायरस को लेकर सामुदायिक प्रसार की आशंका पर विराम लगाते हुए राज्य के नोडल अफसर डॉ. राजेश भास्कर ने कहा कि कि अभी तक पंजाब में कोरोना वायरस के कम्युनिटी स्प्रैड यानी सामुदायिक प्रसार के कोई सबूत नहीं मिले हैं। अधिकतर मरीज दूसरे मरीजों के सम्पर्क में आने से संक्रमित हुए हैं जिन मरीजों के संक्रमण होने का पता नहीं चला है। उन्होंने इस मामले में सही सूचना नहीं दी है।
युवा अधिक हो रहे हैं प्रभावित
कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस बुजुर्गों और बच्चों पर घातक असर दिखाता है परंतु आंकड़े दर्शाते हैं कि युवा वर्ग भी अधिक प्रभावित हो रहे हैं। 31 मई तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार 10 की आयु वर्ग में 115 लोग संक्रमित हुए तो 11 से 20 वर्ष आयु के 205 लोग कोरोना से संक्रमित हुए। परंतु 21 से 30 वर्ष आयु के बीच 459 लोग संक्रमित हुए। इसी तरह 31 से 40 वर्ष आयु के 416, 41 से 50 वर्ष आयु के 361, 51 से 60 वर्ष आयु के 371, 61 से 70 वर्ष आयु के 270 तथा 71 से 80 वर्ष आयु के 72 लोग संक्रमित हुए।