Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jun, 2017 01:04 AM
विरोधी दलों के तेवर खनन मामले में आरोपों से घिरे कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत की......
जालंधर(चोपड़ा): विरोधी दलों के तेवर खनन मामले में आरोपों से घिरे कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत की मुश्किलें तो बढ़ा ही रहे हैं परंतु कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के चलते 2 कैबिनेट मंत्री व कुछ विधायक भी राणा गुरजीत के खिलाफ कांटों की सेज सजाने में जुटे हैं। कांग्रेस में पैदा हो रही ऐसी भीतरघात की स्थिति से राणा गुरजीत की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के 2 कैबिनेट मंत्रियों व विधायकों ने मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह से मुलाकात करके उन्हें आगाह किया है कि एक इंसान के लिए समूची पार्टी को हाशिए पर चढ़ाया जाना कतई उचित नहीं है। इस कारण मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह राणा गुरजीत का इस्तीफा तुरंत स्वीकार करके सरकार को पशोपेश की स्थिति से बाहर निकालें। उक्त मंत्रियों व विधायकों ने मुख्यमंत्री को आगाह किया कि अगर इस मामले को संजीदगी से न लिया गया तो सरकार का पहला बजट सैशन बेहद मुश्किलों से भरा साबित होगा और विपक्षी दलों के विरोध के चलते सैशन खनन मामले की भेंट चढ़ सकता है।
राणा गुरजीत को घेरते हुए कैबिनेट मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि कांग्रेस पिछले 10 सालों से रेत-बजरी माफिया को एक मुद्दा बनाकर गली-गली जाकर बादल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाती आई है और मौजूदा हालात को देखते हुए वह राणा गुरजीत की बजाय सरकार और पार्टी को बचाने की कोशिश करें, खनन मामले को लेकर प्रदेश की जनता पर बुरा असर पड़ रहा है क्योंकि कांग्रेस ने जिस मामले पर चुनाव लड़ा है अगर उसी वर्ग के साथ मिलकर कांग्रेसी ऐसे काम करने लग जाएं तो इसके गंभीर नतीजे आएंगे।
उक्त कैबिनेट मंत्रियों व विधायकों का कहना था कि राणा गुरजीत के दोषी होने या न होने का निर्णय जांच कमीशन ने ही करना है परंतु जांच पूरी होने तक उन्हें मंत्री पद पर रहना कांग्रेस के लिए बेहद नुक्सानदायक हो सकता है। एक कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस मामले का हल जल्द ही निकाल लेना चाहिए, नहीं तो विधानसभा सैशन में सरकार जवाब तक नहीं दे सकेगी और विरोधी दल सैशन के अंदर सरकार पर भारी पड़ सकते हैं। कुछ विधायकों ने कहा कि रेत-बजरी मामले में राणा गुरजीत ने जल्दबाजी कर ली क्योंकि चाहे कोई कुछ भी कहे किसी न किसी तरह राणा गुरजीत का नाम तो जरूर बोल रहा है।
खनन मामले से संबंधित दस्तावेज लीक कर रहे हैं अधिकारी
कै. अमरेन्द्र सिंह से एक मंत्री व विधायकों ने कहा कि कांग्रेस सरकार में कुछ अधिकारी अकालियों के इशारों पर माइनिंग विभाग से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज लीक कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि ऐसा मामला उस समय बेहद गंभीर है जब उक्त दस्तावेजों से जहां एक मंत्री को नुक्सान हो रहा है वहीं कांग्रेस सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। इसके बावजूद कुछ अधिकारी बेखौफ कांग्रेस विरोधियों को दस्तावेज मुहैया करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव सुरेश कुमार को इस संदर्भ में तुरंत एक्शन लेना चाहिए था परंतु वह भी न जानें क्यों चुप्पी साधे हुए हैं।
कांग्रेसी विधायकों का मानना, बिना आग नहीं निकल रहा है धुआं
कांग्रेस विधायकों का कहना है कि वह खनन मामले मेंराणा गुरजीत की भूमिका को देखते हुए उन्हें दोषी नहीं ठहरा रहे हैं परंतु जिस कदर उनका नाम खनन मामले में उछला है उससे निकल रहा धुआं बिना आग के नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राणा गुरजीत पर विरोधी दल बिना वजह आरोप लगा रहे हैं तो कांग्रेस ने अभी तक आक्रामक रुख अपना कर उन्हें मुंहतोड़ जवाब क्यों नही दिया? आखिर क्यों कांग्रेस की उच्च लीडरशिप इस मामले में डिफैंसिव रोल अदा कर रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह को चाहिए कि सच्चाई सामने आने के बाद राणा गुरजीत को हटाने की बजाय उनसे पहले ही इस्तीफा ले लिया जाए और न्यायिक जांच के नतीजों में राणा गुरजीत के बेदाग निकलने पर उन्हें पुन: मंत्री बना दिया जाए ताकि जहां पार्टी को कोई बड़ा नुक्सान न हो वहीं जनता में भी कांग्रेस के स्टैंड का स्पष्ट संदेश जाए कि सरकार भ्रष्टाचार को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।