Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 11:44 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा दलित कल्याण संबंधी चंडीगढ़ में बुलाई राज्य स्तरीय सर्व पार्टी बैठक का कांग्रेसी सांसद शमशेर सिंह दूलो सहित विपक्ष के सदस्यों ने बायकाट किया। इस बैठक में मुख्यमंत्री खुद नहीं पहुंचे और उनके स्थान पर...
चंडीगढ़/फतेहगढ़ साहिब (भुल्लर, जज्जी): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा दलित कल्याण संबंधी चंडीगढ़ में बुलाई राज्य स्तरीय सर्व पार्टी बैठक का कांग्रेसी सांसद शमशेर सिंह दूलो सहित विपक्ष के सदस्यों ने बायकाट किया। इस बैठक में मुख्यमंत्री खुद नहीं पहुंचे और उनके स्थान पर वित्तमंत्री मनप्रीत बादल व समाज कल्याण विभाग के मंत्री साधु सिंह धर्मसोत आए।
सदस्यों ने मुख्यमंत्री के खुद न पहुंचने पर नाराजगी प्रकट करते हुए बैठक का बायकाट किया। बायकाट करने वाले सदस्यों का कहना था कि नियमों के अनुसार, मुख्यमंत्री का इस बैठक में आना अनिवार्य था, उनके बगैर इस बैठक का कोई औचित्य नहीं था। नियमानुसार यह बैठक 6 माह में एक बार होनी चाहिए परंतु 2006, 2015 के बाद आज 11 वर्षों में यह सिर्फ तीसरी बैठक थी। मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि बायकाट करना गलत कदम है, जोकि दलित भाईचारे के हित में नहीं है।
विरोधी पाॢटयां जब सत्ता में नहीं होतीं तो बायकाट ही करती हैं, जबकि दूलो के बायकाट को भी उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण कहा। हाई पावर विजीलैंस एंड मॉनीटरिंग कमेटी फार एस.सी./एस.टी. की बैठक में बुलाए गए सर्व पार्टी प्रतिनिधियों में मुख्यमंत्री सहित 16 विधायक हैं, जिनमें 13 कांग्रेस के हैं व एक-एक अकाली दल, भाजपा व ‘आप’ का विधायक है। शमशेर सिंह दूलो दलित एम.पी. के तौर पर मीटिंग में बुलाए गए थे, जो विशेष तौर पर दिल्ली से आए थे परन्तु सदस्य दूलो, अकाली विधायक पवन कुमार टीनू, भाजपा विधायक सोम प्रकाश व ‘आप’ विधायक बुध राम इस बैठक का बायकाट कर गए।
अच्छा होता कि दूलो अपने अनुभव बताते : मनप्रीत
मीटिंग में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री का गला खराब है व उनका स्वास्थ्य उनको मीटिंग में आने की अनुमति नहीं दे रहा। इस कारण ही इस दिन पहले नीति आयोग के वाइस चेयरमैन से भी उन्होंने अपने आवास पर ही बैठक की थी जबकि पंजाब भवन में हुई बैठक में वह नहीं पहुंचे। मनप्रीत ने कहा कि अच्छा होता कि दूलो अपने अनुभव मीटिंग में रखते और दलितों के कल्याण के लिए सरकार को सुझाव देते।
मुख्यमंत्री बीमार थे तो बैठक मुलतवी कर देते : दूलो
बैठक का बायकाट करके गए कांग्रेस के सांसद शमशेर सिंह दूलो ने कहा कि मुख्यमंत्री ही इस बैठक की अध्यक्षता करते तो कहां तक ठीक था, इसलिए उन्होंने मीटिंग का बायकाट करके जाना बेहतर समझा। उन्होंने मंत्री साधु सिंह धर्मसोत व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल को सलाह दी थी कि अगर मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य ठीक नहीं था तो बैठक मुलतवी कर देते पर जब उनकी बात नहीं मानी गई तो उनके लिए बैठक से चले जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था।
बायकाट के बावजूद दलित कल्याण संबंधी मीटिंग में किए फैसले
पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा दलित कल्याण संबंधी बुलाई गई बैठक का कांग्रेसी सांसद दूलो के अलावा विपक्ष द्वारा बायकाट किए जाने के बावजूद अधिकारियों व कुछ कांग्रेसी विधायकों की हाजिरी में कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की अध्यक्षता में कई फैसले लिए गए।
सरकारी प्रवक्ता ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि कमेटी की यह बैठक अब हर 6 माह के बाद नियमित तौर पर होगी। यह फैसला भी लिया गया कि अनुसूचित जाति व जनजाति (अत्याचार रोकथाम एक्ट) को प्रदेशभर में हू-ब-हू लागू किया जाएगा व इसके अलावा जल्द ही एक अधिसूचना के जरिए 2015 के संशोधनों को एक्ट में शामिल किया जाएगा। कमेटी द्वारा यह भी फैसला लिया गया कि जिलों के डिप्टी कमिश्नरों, जिला व सैशन जजों, पुलिस कमिश्नरों/जिला पुलिस प्रमुखों के साथ कमेटी की बैठकें तिमाही होंगी ताकि सही अर्थों में अत्याचार रोकथाम एक्ट लागू करके अनुसूचित जाति भाईचारे में विश्वास दोबारा बहाल किया जा सके। दलितों के अत्याचारों पर पुलिस के पास पड़े पैंङ्क्षडग केसों के निपटारे संबंधी भी बैठक की अध्यक्षता कर रहे मंत्री धर्मसोत ने अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह व न्याय को निर्देश दिए कि इस मामले में अधिक ध्यान देकर ऐसे मामलों को बिना किसी देरी के निपटाकर एक माह के अंदर रिपोर्ट पेश की जाए।