Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 May, 2018 12:33 PM
कर्नाटक में 3 खाली हुई विधानसभा सीटों के उप-चुनाव में अब कांग्रेस तथा जे.डी.एस. गठबंधन मिलकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
जालन्धर (धवन): कर्नाटक में 3 खाली हुई विधानसभा सीटों के उप-चुनाव में अब कांग्रेस तथा जे.डी.एस. गठबंधन मिलकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगा। सत्ता की चाबी अब कांग्रेस-जे.डी.एस. गठबंधन के हाथों में आ गई है, जिस कारण भाजपा के लिए इन सीटों को जीतना और भी कठिन हो जाएगा। पहले भाजपा नेता यह सोच कर चल रहे थे कि सत्ता पर काबिज होते ही खाली होने वाली 3 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव करवा दिए जाएंगे जिससे कर्नाटक में उसके विधायकों की गिनती 104 से बढ़ कर 107 तक पहुंच जाएगी। भाजपा नेता यह भी समझते थे कि ऐसा करने से उसकी अन्य पाॢटयों पर निर्भरता और कम हो जाएगी।
कर्नाटक में 3 विधानसभा सीटों के अलावा 2 लोकसभा सीटों के उप-चुनाव भी होने हैं। इन सभी सीटों पर उप-चुनावों का राजनीतिक तौर पर काफी महत्व रहना है। इसका असर आने वाले समय में लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। पहली बार कांग्रेस तथा जे.डी.एस. मिलकर उप-चुनाव लड़ेंगे। आर.आर. नगर तथा जया नगर में चुनाव अगले महीने के अंदर हो सकते हैं जबकि शेष उप-चुनाव कुछ महीने आगे जा सकते हैं। चुनाव नियमों के अनुसार खाली होने वाली विधानसभा सीटों तथा लोकसभा सीटों पर उप-चुनाव 6 महीने के भीतर करवाने अनिवार्य होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि नवम्बर से पहले उप-चुनाव करवाने अनिवार्य होंगे।
चुनाव अधिकारियों का मानना है कि लोकसभा सीटों पर उप-चुनाव अगले 1-2 महीनों में होने मुश्किल हैं, क्योंकि मानसून के दिनों में उप-चुनाव आगे डाल दिए जाते हैं। आर.आर. नगर में चुनाव 28 मई को तथा जया नगर में 11 जून को होंगे।
रामानागरा विधानसभा सीट को एच.डी. कुमारस्वामी ने खाली किया है, क्योंकि उन्होंने 2 सीटों पर चुनाव जीता था। दिलचस्प बात यह है कि कर्नाटक में लोकसभा की 2 सीटें भाजपा सांसदों द्वारा त्याग पत्र देने के कारण खाली हुई हैं। येद्दियुरप्पा पहले सांसद थे परन्तु विधायक बनने के बाद अब उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है।