Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 03:49 PM
इलाके में थोक कहलाए जाने वाली सब्जी मंडी के हालात आजकल परचून मंडी से भी बुरे हैं। विभाग की अनदेखी के कारण थोक मंडी लगातार अपनी छवि खोती जा रही है। सरकार बदलते ही आढ़त का कारोबार करने वाले कांग्रेसियों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाकर थोक मंडी में...
बठिंडा (सुखविंद्र): इलाके में थोक कहलाए जाने वाली सब्जी मंडी के हालात आजकल परचून मंडी से भी बुरे हैं। विभाग की अनदेखी के कारण थोक मंडी लगातार अपनी छवि खोती जा रही है। सरकार बदलते ही आढ़त का कारोबार करने वाले कांग्रेसियों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाकर थोक मंडी में धड़ल्ले से परचून का कारोबार किया जा रहा है।मंडी बोर्ड के अधिकारी भी उक्त नेताओं के खिलाफ बोलने से कतराते नजर आ रहे हैं। मंडी में बोली होना तो दूर की बात, थोक में सब्जियों की बिक्री होनी भी लगभग बंद हो रही है, जिसका नुक्सान व्यापारियों व सब्जी उत्पादकों को झेलना पड़ रहा है। थोक मंडी में परचून के अड्डे बढ़ते ही जा रहे हैं जिस कारण थोक मंडी ने परचून मंडी का रूप धारण किया हुआ है। मुनाफे के चक्कर में मंडी में काम करने वाले रसूखदारों द्वारा परचून में सब्जियां बेचने के अड्डे लगाए जा रहे हैं। रेहडिय़ां, फडिय़ां व छोटे सब्जी विक्रेताओं का कारोबार लगभग बर्बाद हो चुका है और अधिकतर फडिय़ां लगाने वाले परदेसी अपने अड्डों को बंद कर अपने घर वापस जा चुके हैं। परचून मंडी में ग्राहक न होने के कारण लोगों को अपना गुजारा करना भी लगभग मुश्किल हो चुका है।
बोली की हो शुरूआत
सब्जी उत्पादक किसानों ने कहा कि थोक सब्जी मंडी में बोली की शुरूआत की जाए, ताकि सब्जी उत्पादक किसानों व व्यापारियों की सब्जियां इक_ी व सही रेट पर बिक सकें। बोली पर सब्जियां बिकने से जहां मार्कीट कमेटी को फीस के रूप में मुनाफा होगा वहीं आढ़तियों व सब्जी उत्पादकों को भी राहत मिलेगी।
मार्कीट कमेटी को घाटा
थोक मंडी में परचून में बिक रही सब्जियों से मार्कीट कमेटी को फीस के रूप में घाटा सहना पड़ रहा है। उक्त लोगों द्वारा बिना फीस दिए जगह-जगह सब्जियां बेची जा रही हैं। अधिकतर लोगों द्वारा मंडी में आढ़त के लाइसैंस लेकर परचून के कारोबार किए जा रहे हैं परन्तु विभाग की अनदेखी के कारण उक्त कारोबार लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
कांग्रेसियों ने लगाए अड्डे
थोक मंडी में जहां आम लोगों द्वारा परचून के अड्डे लगाए जा रहे हैं वहीं सरकार बदलते ही सब्जी का कारोबार करने वाले कुछ कांग्रेसी थोक मंडी में परचून सब्जियां बेचने में सबसे आगे हैं। उक्त लोगों द्वारा सरेआम थोक मंडी में परचून सब्जियां बेचकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। राजनीतिक दबाव के चलते मार्कीट कमेटी के अधिकारी ही उक्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे।