पंजाब की 3 पंथक सीटों खडूर साहिब, फतेहगढ़ साहिब व फरीदकोट में कांग्रेस की वापसी

Edited By Vatika,Updated: 25 May, 2019 09:37 AM

congress 8 seats in punjab

पंजाब की 3 पंथक सीटों श्री खडूर साहिब, फतेहगढ़ साहिब व फरीदकोट में कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी की है। उक्त तीनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के क्रमश: जसबीर सिंह डिम्पा, अमर सिंह व मोहम्मद सदीक ने शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवारों को भारी मतों के अंतर से...

जालंधर(धवन): पंजाब की 3 पंथक सीटों श्री खडूर साहिब, फतेहगढ़ साहिब व फरीदकोट में कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी की है। उक्त तीनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के क्रमश: जसबीर सिंह डिम्पा, अमर सिंह व मोहम्मद सदीक ने शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवारों को भारी मतों के अंतर से पराजित किया है। 
PunjabKesari
श्री खडूर साहिब सीट तो लगातार 38 वर्षों से शिरोमणि अकाली दल जीतता आ रहा था। शिअद ने उक्त सीट पर जागीर कौर को चुनावी मैदान में उतारा था, जबकि पी.डी.ए. ने परमजीत कौर खालड़ा को टिकट दी थी। पंथक वोटों में हुए विभाजन का सीधा लाभ कांग्रेस को मिला। खडूर साहिब में कुल 10,46,032 वोटों में से कांग्रेस के जसबीर सिंह डिम्पा ने 4,59,710 मत हासिल कर अकाली दल को शिकस्त दी।
PunjabKesari
उक्त सीट पर परमजीत कौर खालड़ा भी 2,14,489 वोटें लेने में कामयाब रहीं। खडूर साहिब में डिम्पा के लिए सुखद बात यह थी कि सभी 9 विधानसभा हलकों में कांग्रेस के विधायक कार्य कर रहे थे। डिम्पा ने इस क्षेत्र में हरिके पत्तन व सीमावर्ती क्षेत्रों को पर्यटन क्षेत्रों के रूप में उभारने का वायदा किया। खडूर साहिब के चुनावी नतीजों को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ भी हैरान रह गए। माझा में कांग्रेस ने अपने पैर मजबूत किए। इन तीनों लोकसभा सीटों में पड़तीं 27 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस केवल 3 विधानसभा हलकों में हारी जबकि शेष सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को बढ़त हासिल हुई।
PunjabKesari
इन तीनों पंथक सीटों के चुनावी नतीजों से यह बात स्पष्ट हो गई है कि पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल में धार्मिक ग्रंथों की हुई बेअदबी के मुद्दे ने मतदाताओं को पूरी तरह से प्रभावित किया।पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह लगातार चुनाव प्रचार के दौरान धार्मिक बेअदबी के मुद्दे को उठाते रहे। इन पंथक सीटों पर सिख मतदाताओं की संख्या अधिक है। कुल मिलाकर पंथक सीटों में कांग्रेस की वापसी से यह बात स्पष्ट हो गई है कि पार्टी ने इस बार मतदाताओं पर 1984 के दंगों के मुद्दे का प्रभाव नहीं पडऩे दिया बल्कि उसके मुकाबले धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले को सक्रियता से उठाया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!