Edited By Tania pathak,Updated: 16 Aug, 2020 11:26 AM
याचिका में यूजीसी की गाइडलाइन का हवाला दिया गया जिसमें कहा गया था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी फाइनल ईयर स्टूडेंट के एग्जाम करवाने के लिए बाध्य नहीं...
पंजाब: कोरोना संकट के मद्देनजर हर क्षेत्र में कोई न कोई नया मोड़ दिखाई दे रहा है। इसका सीधा असर विद्यार्थियों के जीवन पर भी पड़ा है। सरकार द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए गए है जिसमें कई विषयों पर परीक्षा होनी बाकी थी, परन्तु जमीनी स्थिति को देखते हुए बची हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया। इसी तरह कॉलेज और यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को भी अगले सेशन यानी सेमेस्टर में प्रमोट करने का निर्णय लिया गया, हालांकि फाइनल ईयर विद्यार्थियों की परीक्षा को लेकर अभी असमंजस बना हुआ है। यूजीसी की नई गाइडलाइंस के मुताबिक फाइनल ईयर की परीक्षा सितम्बर तक करवाने के निर्देश है परन्तु इस के खिलाफ विद्यार्थियों में रोष देखने को मिल रहा है।
पीयू के विद्यार्थियों ने दाखिल की याचिका
पीयू के छात्रों की तरफ से दाखिल याचिका में 26 मई 2020 के फैसले और 19 जून 2020 की नोटिफिकेशन को खारिज करने की मांग की गई है। इसमें सभी फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को अपने फाइनल सेमेस्टर परीक्षा में अपीयर होने के निर्देश दिए गए थे। याचिका में यूजीसी की गाइडलाइन का हवाला दिया गया जिसमें कहा गया था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी फाइनल ईयर स्टूडेंट के एग्जाम करवाने के लिए बाध्य नहीं है।
कोर्ट का फैसला
फिलहाल के लिए पीयू की जुलाई में होने वाली सभी फाइनल परीक्षाओं पर हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक जारी रखी है। जस्टिस ऋतु बाहरी ने मामले पर 20 अगस्त के लिए सुनवाई तय की है। कोर्ट में कहा गया कि परीक्षाएं करवाए जाने को लेकर यूजीसी की गाइडलाइन का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और इस पर 14 अगस्त को सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट ने 20 अगस्त के लिए सुनवाई तय करते हुए इस दौरान फाइनल परीक्षाएं न कराने के अंतरिम आदेशों को जारी रखा। अब इस बारे में कोई भी निर्णय 20 अगस्त तक सामने आने के कयास लगाए जा रहे है।