Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2017 02:24 PM
पंजाब की पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान रैगुलर होने के बावजूद भी पंजाब के 7000 कम्प्यूटर अध्यापक अपने वेतन और अन्य वित्तीय मुश्किलों को लेकर समय-समय पर संघर्ष करते दिखाई दिए।
मोगा (ग्रोवर): पंजाब की पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान रैगुलर होने के बावजूद भी पंजाब के 7000 कम्प्यूटर अध्यापक अपने वेतन और अन्य वित्तीय मुश्किलों को लेकर समय-समय पर संघर्ष करते दिखाई दिए। वहीं अब जब पंजाब की सरकार भी बदल गई है, लेकिन कम्प्यूटर अध्यापकों की मुश्किलों में कोई कमी नहीं आई और कुछ संबंधित अधिकारी उनको परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उक्त शब्द कम्प्यूटर मास्टर यूनियन (सी.एम.यू.) पंजाब के पदाधिकारियों ने कहे।
मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री को मुश्किलों से करवाया जाएगा अवगत
प्रांतीय सीनियर उपाध्यक्ष प्रभजोत सिंह अमृतसर ने बताया कि जल्द ही वेतन के साथ-साथ कम्प्यूटर अध्यापकों की अन्य मुश्किलों के सम्बन्ध में उनका एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से मुलाकात करेगा। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह लोगों को साफ-सुथरा प्रशासन देने के लिए जाने जाते हैं और उनको उम्मीद है कि वह उनकी मुश्किलों को सुनते हुए जल्द ही इनका स्थायी हल करेंगे। इस अवसर पर सचिव कुलविन्द्र सिंह लसूढ़ी, दीपक, संजीव तुली, जीवन ज्योति, सुखविन्द्र सिंह, मनप्रीत सिंह पटियाला, दविन्द्र, मनमोहन सिंह, रणधीर सिंह, बलकार सिंह, सतविन्द्र सिंह, ज्ञान सिंह, मनजीत सिंह, संजय, कुलवीर सिंह, बिक्रम मानसा, रविन्द्र रोबिन, मुकेश कुमार के साथ बड़ी संख्या में कम्प्यूटर अध्यापक उपस्थित थे।
नहीं मिला 3 महीने से वेतन
यूनियन के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजदीप सिंह मानसा ने बताया कि जहां उनको अभी तक मार्च और अप्रैल का वेतन नसीब नहीं हुआ है, वहीं मई भी खत्म हो चला है। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों द्वारा हर बार जान-बूझकर वेतन लेट किया जाता है। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि अधिकारियों द्वारा वेतन को लेट करते हुए कम्प्यूटर अध्यापकों को परेशान करने के मंतव्य से हर बार वेतन वाली फाइल पर कोई न कोई नया एतराज लगा दिया जाता है और वेतन वाली फाइल कई-कई दिन अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटती रहती है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा वेतन के बिलों की मांग ही महीना पूरा होने के बाद की जाती है, जबकि बाकी कर्मचारियों के वेतन के बिल महीना पूरा होने से पहले ही जमा हो जाते हैं और उनको महीने के पहले सप्ताह में ही वेतन मिल जाता है। राजदीप ने कहा कि 3-3 महीने बाद उनको एक महीने का वेतन जारी किया जाता है और वही चक्कर फिर से शुरू हो जाता है और फिर अगले वेतन का इंतजार करना पड़ता है, जिसके कारण आॢथक तंगी के चलते पंजाब भर के 7000 कम्प्यूटर अध्यापक मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं, जो कि ङ्क्षनदनीय है।