Edited By swetha,Updated: 23 Aug, 2018 08:46 AM
बेअदबी कांड की जांच कर रहे कमिशन द्वारा तैयार की रिपोर्ट में शामिल किए मेरे बयान को तुरन्त रिकार्ड में से निकाला जाए, ऐसा न किए जाने की हालत में मैं जांच कमिशन के प्रमुख जस्टिस (सेवानिवृत्त) रणजीत सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। यह मांग बेअदबी...
चंडीगढ़(ब्यूरो): बेअदबी कांड की जांच कर रहे कमिशन द्वारा तैयार की रिपोर्ट में शामिल किए मेरे बयान को तुरन्त रिकार्ड में से निकाला जाए, ऐसा न किए जाने की हालत में मैं जांच कमिशन के प्रमुख जस्टिस (सेवानिवृत्त) रणजीत सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। यह मांग बेअदबी कांड में गवाह के तौर पर पेश किए गए हिम्मत सिंह ने प्रैस बयान में की।
बेअदबी कांड जांच कमिशन द्वारा तैयार की रिपोर्ट में मेरे नाम पर जो बयान डाला गया है, वह बिल्कुल झूठा व गलत है। मैं पहले भी खुलासा कर चुका हूं कि जेलों मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा तथा जस्टिस (सेवानिवृत्त) रणजीत सिंह ने मुझसे धोखे से और दबाव डाल कर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए थे। एक बयान अंग्रेजी में लिखा हुआ था, जिसको मैं पढ़ नहीं सकता था तथा दूसरा पंजाबी में लिखा बयान मंत्री रंधावा ने जानबूझ कर मुझे पढने नहीं दिया। इन दोनों दस्तावेजों पर जबरदस्ती मेरे हस्ताक्षर करवा कर इनको जांच कमिशन की रिपोर्ट में मेरी गवाही के तौर पर जोड़ दिया गया।
जांच कमिशन की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किए जाने से पहले इसमें से मेरे नाम पर डाली गवाही को तुरन्त निकाला जाए। मंत्री रंधावा तथा जस्टिस रणजीत सिंह द्वारा मेरे नाम पर तैयार मनगढ़ंत तथा झूठी गवाही को जांच कमिशन की रिपोर्ट का हिस्सा न माना जाए। ये सारे दस्तावेज मंत्री रंधावा तथा रणजीत सिंह द्वारा पहले ही तैयार किए हुए थे, जिस पर उन्होंने जबरदस्ती मेरे हस्ताक्षर करवाए थे। इस मामले में झूठ-सच का फैसला करने हेतु हमारा तीनों का नारको एनैलिसिस तथा लाई डिटैक्टर टैस्ट लिया जाना चाहिए। मैं इस नारको एनैलिसिस तथा लाई डिटैक्टर टैस्ट के लिए तैयार हूं।