रेत खनन पर कैप्टन की अधिकारियों को दो टूक, चूक हुई तो कड़ी कार्रवाई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Mar, 2018 09:31 AM

cm amarinder orders probe into officer mining mafia nexus

उड़न खटोले से रेत का अवैध खनन खुद देखने व कार्रवाई करवाने के बाद वीरवार को भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का अवैध खनन मामले में सख्त रुख कायम रहा।

चंडीगढ़ (रमनजीत सिंह): उड़न खटोले से रेत का अवैध खनन खुद देखने व कार्रवाई करवाने के बाद वीरवार को भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का अवैध खनन मामले में सख्त रुख कायम रहा।  अवैध खनन की शिकायतों वाले जिलों के डिप्टी कमिश्नरों व एस.एस.पीज के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्टकिया कि किसी भी कीमत पर खनन को लेकर बने नियम-कानूनों को ‘रेतका किला’ नहीं बनने दिया जाए, जिसे जो चाहे गिरा ले और अपने माफिक फिर बना ले। सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव का बहाना बनाकर कार्रवाई न टाली जाए, ऐसा हुआ तोसंबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। 

 

सी.एम. ने कहा कि यदि कोई दिक्कत आए तो बेझिझक मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क साधा जा सकता है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने वीरवार को बैठक दौरान शिकायत आने पर डेराबस्सी इलाके में शीर्ष अधिकारियों और अवैध खनन माफिया के बीच कथित गठजोड़ में विजीलैंस ब्यूरो को जांच का आदेश दिया जबकि जांच दौरान डेराबस्सी के एस.डी.एम.,डी.एस.पी. और एस.एच.ओ. को वहां से हटाने के लिए संबंधित विभागों को आदेश दे दियाहै।  एस.डी.एम. परमदीप सिंह को मुख्य सचिव कार्यालय में रिपोर्ट करने कोकहा गया है जबकि डी.एस.पी. पी.एस. बल और एस.एच.ओ. पवन कुमार को पुलिस लाइन में तबदील कर दिया गया है। मंगलवार को नवांशहर व जालंधर जिले में उड़ान भरते हुए अवैध खनन गतिविधियों पर नजर पडऩे के बाद मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए कार्रवाई के आदेशों के बाद डेराबस्सी में कथित अधिकारी-माफिया गठजोड़ सामने आया था। 

 

सभी खदानों पर तैनात होगा एक ‘रक्षक’

मुख्यमंत्री ने गैर-कानूनी खनन रोकने की दिशा में एक कदम के रूप में प्रत्येक खनन स्थल पर सरकार का एक रक्षक नियुक्त करने के फैसले की घोषणा भी की। कैप्टन सरकार ‘गार्डियन्स ऑफ गवर्नैंस’ स्कीम तहत पहले भी कई जगह ऐसी तैनाती कर चुकी है। खनन माफिया को खत्म करने के लिए इस सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कैप्टन अमरेंद्रने कहा कि अराजकता बर्दाश्त नहीं होगी।


मालिकों तक पहुंचें अधिकारी
अवैध खनन मामलों में सख्ती को बढ़ाने की हिदायत देते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने 14 जिलों के एस.एस.पीज व डिप्टी कमिश्नरों को कहा कि कार्रवाई करते समय अधिकारी इस बात का खास ख्याल रखें कि एक्शन सिर्फ ड्राइवरों या ठेकेदारों तक ही सीमित होकर न रह जाए। अवैध खनन में पकड़े जाने वाले उपकरणों व अन्य साजो-सामान वाले बड़े लोगों तथा ‘मालिकों’ तक जांच का दायरा बढ़ाए। 


अधिकारियों ने दिए  सुझाव
खनन प्रक्रियाओं को सुदृढ़ और मजबूत करने के लिए अधिकारियों द्वारा कई सुझाव भी पेश किए गए। इनमें रेत ढोने वाले टिप्परों व ट्रकों पर जी.पी.एस. ट्रैकिंग, उचित निर्देशांक के साथ खनन स्थलों का वैज्ञानिक सीमांकन, वाहनों के आवागमन की निगरानी के लिए सभी संवेदनशील जांच ङ्क्षबदुओं पर वाई-फाई, सी.सी.टी.वी. स्थापित करने  जैसे उपाय शामिल हैं। 


कानून में संशोधन की जरूरत 
बैठक दौरान डी.सी. और एस.एस.पीज ने खनन नीति-कानून में कुछ ङ्क्षबदुओं पर ङ्क्षचता व्यक्त की जिन्हें संशोधित करने की जरूरत है। नियमों तहत भारी उपकरणों को केवल 62.5 एकड़ जमीन एरिया वाले खनन स्थलों पर ही इस्तेमाल किया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि 12.5 एकड़ से कम रकबे वाली जगहों पर उपकरणों के बिना खनन करना बोलीदाताओं के लिए आॢथक रूप से संभव नहीं है, इसमें बदलाव की जरूरत है।

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