Edited By Des raj,Updated: 23 Jul, 2018 11:53 PM
जिला स्तरीय सिविल अस्पताल चोरी व अक्सर यहां पर घटने वाली अन्य आपराधिक घटनाओं के कारण चॢचत रहने के बाद अब घप्पलेबाजी के मामले में भी सुर्खियों में आ गया है। यहां पर एस.एम.ओ. कार्यालय के अधीन विभिन्न कर्मचारियों का वेतन बनाने वाले क्लैरिकल स्टाफ के 2...
मोगा(संदीप): जिला स्तरीय सिविल अस्पताल चोरी व अक्सर यहां पर घटने वाली अन्य आपराधिक घटनाओं के कारण चॢचत रहने के बाद अब घप्पलेबाजी के मामले में भी सुर्खियों में आ गया है। यहां पर एस.एम.ओ. कार्यालय के अधीन विभिन्न कर्मचारियों का वेतन बनाने वाले क्लैरिकल स्टाफ के 2 क्लर्कों की ओर से अपने ही कई साथी कर्मचारियों के वेतन में लाखों रुपए की घप्पलेबाजी का मामला इन दिनों चर्चा में है।
सूत्रों के अनुसार संबंधित क्लर्कों द्वारा सिविल अस्पताल के चिकित्सक भी समय पर वेतन के बिल न बनाने को लेकर नाराज हैं। कुछेक को तो पिछले कुछ महीनों से इनकी लापरवाही के चलते वेतन भी नहीं मिल पाया है, जो इनके खिलाफ अपनी शिकायत उच्चाधिकारियों को देने का मन बना रहे हैं। इस मामले में चंडीगढ़ से विभागीय हाईकमान की ओर से जिला स्तरीय जांच के आदेश जारी होने पर इस मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन डा. सुशील जैन द्वारा सहायक सिविल सर्जन को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
इस मामले में घपलेबाजी के तहत यहां पर तैनात 4 के करीब दर्जाचार कर्मचारियों के पिछले एक वर्ष से इन क्लर्कों की मिलीभगत से अपने वेतन से कहीं अधिक वेतन हासिल करने का खुलासा होते ही विभागीय आदेशों की पालना करते हुए सिविल सर्जन ने तुरन्त इन सभी कर्मचारियों को रिकवरी लैटर जारी कर बनती रकम वापस विभाग को देने के आदेश जारी कर दिए हैं।
दूसरी ओर विभागीय जांच के दौरान गठित किए गए जांच अधिकारियों सहायक सिविल सर्जन डा. गुरमीत सिंह व सुपरिंटैंडैंट सिविल सर्जन कार्यालय पुरुषोत्तम लाल की ओर से पिछले वर्षों के विभागीय रिकार्ड को खंगालना शुरू कर दिया गया है ताकि पूरी तरह से मामले की सच्चाई व इसकी जड़ तक पहुंचा जा सके।