Edited By Kamini,Updated: 18 Aug, 2022 03:29 PM
पंजाब में 2 साल पहले कोरोना काल में पराली जलाने पर प्रदूषण बोर्ड ने किसानों का चालान किया था।
जगराओं (मालवा) : पंजाब में 2 साल पहले कोरोना काल में पराली जलाने पर प्रदूषण बोर्ड ने किसानों का चालान किया था। अब 2 साल तक चुप रहने के बाद प्रदूषण बोर्ड ने किसानों पर जुर्माना लगाने की बजाय खुद सी.जे.एम. (चीफ ज्युडिशियल मैजिस्ट्रेट) लुधियाना की अदालत में शिकायत भेजी। इसके बाद किसानों को समन भेजा जा रहा है।
यह बात पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन जगराओं के एडवोकेट गुरतेज सिंह ने व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कई किसान स्वयं सी.जे.एम. की अदालत में पेश हुए थे, लेकिन माननीय न्यायाधीश किसानों को वकीलों के रूप में मुकदमा लड़ने के लिए कह रहे हैं, जबकि न्यायाधीश को 200 रुपए का जुर्माना लगाना है, लेकिन किसान के मामले की कीमत 20000 रुपए होना है।
प्रदूषण बोर्ड द्वारा जगराओं क्षेत्र के 400-500 किसानों की शिकायत थी जो सी.जे.एम. को भेजी गई है। इससे किसान परेशान हो रहे हैं। उन्होंने माननीय सरकार से अपील की कि प्रदूषण बोर्ड लुधियाना को सी.जे.एम. कोर्ट से सभी शिकायतों को वापस लेने और सीधे किसानों से 200-400 रुपए का जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया जाए ताकि उन्हें कोई मुआवजा मिल सके।
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