Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Sep, 2017 03:00 PM
शहर की प्रमुख सड़कों पर स्ट्रीट लाइटों की ठीक ढंग से देखभाल न होने के कारण ये स्ट्रीट लाइटें पिछले लंबे समय से बंद पड़ी देखी जा रही हैं। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि बंद पड़ी ये लाइटें...........
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा, दर्दी): शहर की प्रमुख सड़कों पर स्ट्रीट लाइटों की ठीक ढंग से देखभाल न होने के कारण ये स्ट्रीट लाइटें पिछले लंबे समय से बंद पड़ी देखी जा रही हैं। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि बंद पड़ी ये लाइटें काफी लंबे समय से आई.सी.यू. में चली गई हैं जैसे कि स्थानीय मलोट रोड पर गोनियाना माइनर से लेकर राधा स्वामी सत्संग घर तक 32 प्वाइंट गत 15 वर्षों से बंद पड़े हैं। इसी तरह स्थानीय कोटकपूरा रोड पर सरकारी कालेज से लेकर जी.के. रिजोर्ट तक 24 प्वाइंटों सहित खंभे पिछले 6 वर्षों से गायब हैं।
इसके साथ मलोट रोड बस स्टैंड से नई अनाज मंडी (बाईपास) पर 54 प्वाइंट हैं जिनमें से बहुत मुश्किल से लगभग 10 से 15 प्वाइंट ही जलते हैं जबकि बठिंडा रोड के सभी प्वाइंट बंद पड़े थे जोकि अब अलग-अलग ऊंचाई तथा अलग-अलग डिजाइन के लगाए जा रहे हैं। वहीं डा. केहर सिंह मार्ग से मलोट रोड (बाईपास) पर 44 प्वाइंट हैं जिनमें से तकरीबन आधे से अधिक बंद पड़े हैं। इसके अलावा शहर के बहुत से ट्रम्बलर खंभे गायब /हैड लाइटें गायब/टेढ़ेे-मेढ़े खंभे होने के कारण इनकी हालत बहुत ही दयनीय बनी हुई है। शहर में 22 हाईमास्ट लाइटों के टाइमर खराब हैं जो संबंधित कर्मचारी की मर्जी के साथ ही जलाए-बुझाए जाते हैं।
इसके अलावा शहर की बहुत सी स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। कई मोहल्लों/गलियों में लगातार 5-7 स्ट्रीट लाइटें बंद हैं जिस कारण उस क्षेत्र में रात्रि के समय अंधेरा पसरा रहता है। शहर में कई गलियों की चौड़ाई इतनी कम है जिनमें से एक ही समय 2-3 व्यक्ति ही गुजर सकते हैं परंतु अंधेरा होने के कारण आवारा घूमते पशुओं का कोई पता नहीं चलता तथा किसी भी समय कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
जानकारी के अनुसार पंजाब राज्य पावर निगम लिम. की तरफ से एसैलरेटेड पावर डिवैल्पमैंट एंड रिफार्मर्ज प्रोग्राम (ए.पी.डी.आर.पी. स्कीम) के अधीन लगभग 50 करोड़ रुपए बिजली सुधार के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं परंतु यह आम देखने में आया है कि नए पोल्ज के बदले जो पुराने पोल्ज उतारे जाते हैं, वे ठेकेदार के कारिन्दे समेत स्ट्रीट लाइटों के साथ ले जाते हैं। पावर कार्पोरेशन तथा परिषद के ठेकेदार अपनी-अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा रहे जिसका खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।