Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 12:03 PM
पंजाब के बच्चों को बुरी नजर लगती जा रही है। जहां वह पहले आऊटडोर गेम्स को तरजीह देते थे, वहीं अब यह बच्चे इतने एडवांस हो चुके हैं कि 24 घंटे टी.वी. व मोबाइल से चिपके रहते हैं। इसके अलावा पंजाबी बच्चों का खान-पान भी बेहद बिगड़ा है, जहां पहले पंजाब के...
जालंधर(रविंदर शर्मा): पंजाब के बच्चों को बुरी नजर लगती जा रही है। जहां वह पहले आऊटडोर गेम्स को तरजीह देते थे, वहीं अब यह बच्चे इतने एडवांस हो चुके हैं कि 24 घंटे टी.वी. व मोबाइल से चिपके रहते हैं। इसके अलावा पंजाबी बच्चों का खान-पान भी बेहद बिगड़ा है, जहां पहले पंजाब के हैल्दी फूड को पसंद किया जाता था, वहीं इसकी जगह पर अब फास्ट फूड ने ले ली है जिसका असर बच्चों के शरीर के साथ-साथ उनके मानसिक विकास पर भी पड़ रहा है। नए सर्वे के मुताबिक 40 प्रतिशत बच्चे मोटापे का शिकार हो चुके हैं। यह बेहद ङ्क्षचता का विषय है।
इस मोटापे की वजह से बच्चे छोटी उम्र में ही बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। 84 प्रतिशत लड़कियां और 82 प्रतिशत लड़के अपने मोटापे की वजह से फिजीकली और इमोशनली प्रभावित हो रहे हैं। 72 प्रतिशत बच्चों में मोटापे की वजह ओवर ईटिंग पाई गई जबकि 40 प्रतिशत में यह जैनेटिक प्राब्लम पाई गई। खराब फूड हैबिट की वजह से 33.5 प्रतिशत बच्चों में मोटापा पाया गया। यह बातें मैडीकल जर्नल के सर्वे में सामने आई हैं। बैरिएट्रिक सर्जन डा. प्रदीप चौबे का कहना है कि इस स्टडी में पाया गया है कि यंगस्टर्स रात को देर से सोते हैं। वे जो खाते हैं और खाने में जो कैलोरी लेते हैं, वह बर्न नहीं होती। यही नहीं उनका दिन में भी लाइफ स्टाइल बहुत ही स्लो है। फिजीकली एक्टीविटी नहीं होती है जिसकी वजह से दिन में भी ली गई कैलोरी जमा होती रहती है। इस वजह से न केवल बच्चों का हार्मोन असंतुलित हो रहा है बल्कि स्ट्रैस जैसी समस्या भी देखी जा रही है। इसमें माता-पिता का रोल बढ़ गया है। उन्हें अपने बच्चों की इस आदत को बदलना होगा और हैल्दी लाइफ स्टाइल अपनाने को प्रेरित करना होगा। सर्वे में खाने को लेकर यह बात सामने आई है कि 58.6 प्रतिशत बच्चे हफ्ते में 3 बार बाहर का खाना खाते हैं। वहीं 70.4 प्रतिशत टीनएजर्स हफ्ते में 2 से 3 बार बाहर का खाना खाते हैं। यही नहीं 64.3 प्रतिशत एडोलोसेंट्स हफ्ते में 2 से 3 बार घर से बाहर का खाना खाते हैं।
जंक फूड से बचना होगा
82 प्रतिशत बच्चे जंक फूड, कोल्ड ङ्क्षड्रक्स और चाकलेट्स सप्ताह में 2 से & बार लेते पाए गए। 33 प्रतिशत टीनएजर्स जंक फूड, कोल्ड ड्रिंकस और चाकलेट्स सप्ताह में 2 से & बार लेते पाए गए। 85 प्रतिशत एडोलोसेंट्स जंक फूड, कोल्ड ङ्क्षड्रक्स और चाकलेट्स सप्ताह में 2 से 3 बार लेते पाए गए।
मीडिया एडीक्शन
50 प्रतिशत बच्चे खाना खाते समय टी.वी., मोबाइल और अन्य इलैक्ट्रानिक डिवाइस का यूज करते पाए गए। 62 प्रतिशत एडोलोसेंट्स खाने के दौरान डिवाइस का यूज करते पाए गए।