Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Apr, 2018 05:16 PM
इंदरप्रीत चड्ढा आत्महत्या मामले में पंजाब में नशा तस्करी के मामले की जांच कर रही एसआईटी के हेड पंजाब के डीजीपी (एचआरडी) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इन्वेस्टिगेश पर स्टे 23 मई तक जारी रखने के आदेश दिए।
चंडीगढ़ः(बृजेन्द्र): एस.एस.पी. मोगा राज जीत सिंह हुंदल व बर्खास्त इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह की ड्रग केस में संलिप्तता की जांच के सिलसिले में सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एस.आई.टी. हैड डी.जी.पी. सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय (एच.आर.डी.) को 9 मई या उससे पहले अपनी फाइनल रिपोर्ट सीलबंद पेश करने को कहा है। वहीं इंद्रजीत सिंह चड्ढा सुसाइड केस में चट्टोपाध्याय के रोल की जांच पर स्टे 23 मई तक बढ़ा दिया है। वहीं पंजाब सरकार के ए.जी. के सवाल के जवाब में हाईकोर्ट ने साफ किया कि पुलिस चड्ढा केस में अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रख सकती है।
कैप्टन के बर्खास्त करने की जारी चेतावनी को बताया गया धमकी
कै. अमरेंद्र सिंह द्वारा अफसरों को कोर्ट में जाने पर अनुशासनहीनता बता उन्हें बर्खास्त तक करने की चेतावनी वाले बयान पर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने इसे धमकाने की कार्रवाई बता कोर्ट की अवमानना बताया। हाईकोर्ट ने इस पर टिप्पणी किए बिना कहा कि न सिर्फ जज, बल्कि नागरिक होने के नाते भी वह उच्च रैंक पर अधीनस्थ पुलिस अफसरों का सम्मान करते हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि अफसरों द्वारा राज्य के मुश्किल समय में दी सेवाओं और दिए बलिदान को नहीं भूला जा सकता। हमें यह याद है और हम इसके आभारी हैं। इसे याद रखना चाहिए।