Edited By swetha,Updated: 24 May, 2018 11:42 AM
ब्यास दरिया में जहर घोलने वाली चड्डा शुगर मिल गन्ना उत्पादकों की 101.36 करोड़ की देनदार है। जी हां, चड्डा शुगर मिल ने माझा क्षेत्र के उन किसानों की अभी तक अदायगी नहीं की है, जिन्होंने अपना गन्ना मिल को बेचा था।
अमृतसर/गुरदासपुरः ब्यास दरिया में जहर घोलने वाली चड्डा शुगर मिल गन्ना उत्पादकों की 101.36 करोड़ की देनदार है। जी हां, चड्डा शुगर मिल ने माझा क्षेत्र के उन किसानों की अभी तक अदायगी नहीं की है, जिन्होंने अपना गन्ना मिल को बेचा था।
रिपोर्ट मुताबिक मिल ने इस सीजन में करीब 343.84 करोड़ का गन्ना खरीदा था। अभी तक सिर्फ 242.48 करोड़ का ही भुगतान किया गया है। अब जब चड्डा शुगर मिल को दरिया में शीरा घुलने के मामले में सील किया गया है तो किसानों को अपना बकाया मिलने की थोड़ी सी आस जाग गई है। सिर्फ चड्डा शुगर मिल ही नहीं और भी कई प्राइवेट शुगर मिल्स ऐसीं हैं जिन्होंने गन्ना काश्तकारों की अदायगी अभी तक नहीं की।
इनमें शामिल है बुट्टर सेवियां की राणा शुगरज प्राइवेट लिमिटेड, फगवाड़ा की वाहिद संधर शुगर मिल, मुकेरियां की इंडियन सुक्रौज लिमिटेड और दसूहा की ए.बी. शुगरज मिल। यह सभी मिल्स ऊंचे राजनीतिक घरानों तथा उद्योगपतियों की तरफ से चलाईं जा रही हैं। इनमें सिर्फ एक मात्र अमलोह की नाहर इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजिज ही ऐसी है जिसने किसानों का सारा भुगतान कर दिया है।
राणा गुरजीत सिंह |
राणा शूगरज प्राइवेट लिमिटेड |
62.52 करोड़ |
जरनैल सिंह वाहिद |
वाहिद संधर शूगरज |
29.10 करोड़ |
जसदीप कौर चड्ढा |
चड्ढा शूगरज एंड इंडस्ट्रीज |
01.36 करोड़ |
डी.पी.यादव |
इंडियन सुक्रौज लिमिटेड |
95 करोड़ |
रजिन्दर सिंह चड्ढा |
ए.बी.शूगरज |
63 करोड़ |
कमल ओसवाल |
नाहर इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजिज |
00 |
गन्ने मिल्स गन्ने के सीजन के दौरान करोड़ों कमातीं हैं। वह किसानों को समय पर भुगतान में काफी ढीली हैं। चड्डा शुगर मिल के सील होने के बाद शायद किसानों को अपने बकाए के भुगतान के लिए थोड़ा ओर इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं खबरें ये भी हैं कि सील होने के बावजूद चड्डा मिल् में काम अभी भी जारी है।