मुनीश तिवाड़ी बन सकते थे सैंट्रल हलका से कांग्रेस का हिंदू चेहरा

Edited By Updated: 16 Dec, 2016 08:25 AM

central hindu face of congress munish tiwari

सैंट्रल हलका में लंबी खींचतान के बाद आखिरकार राजेन्द्र बेरी का नाम ही उभर कर सामने आया और हाईकमान ने उन्हें उम्मीदवार घोषित करते हुए पहली सूची में स्थान दिया।

जालंधर (चोपड़ा): सैंट्रल हलका में लंबी खींचतान के बाद आखिरकार राजेन्द्र बेरी का नाम ही उभर कर सामने आया और हाईकमान ने उन्हें उम्मीदवार घोषित करते हुए पहली सूची में स्थान दिया। परंतु इस सीट पर भी सशक्त हिंदू चेहरा लाने को दिल्ली दरबार में लंबी उठापटक चलती रही जिसका आखिरकार लाभ बेरी की झोली में गया। 
कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों के अनुसार सैंट्रल हलका से टिकट की दौड़ में बेरी के अलावा पूर्व विधायक राजकुमार गुप्ता, इंम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन तेजिन्द्र सिंह बिट्टू, जगदीश राज राजा, मनोज अग्रवाल, मनोज अरोड़ा, डा. जसलीन सेठी, नीरज मित्तल, परमजीत बल्ल व अन्य नेता शामिल थे। आलाकमान अग्रवाल समाज को कतई नजरअंदाज नहीं करना चाहती थी क्योंकि विगत विधानसभा चुनावों में राजकुमार गुप्ता की टिकट कटने के बाद अग्रवाल व गुप्ता बिरादरी के कांग्रेस विरोधी फैक्टर का सैंट्रल हलका पर खासा असर पड़ा। इसके साथ ही इसका दुष्प्रभाव आसपास के हलकों पर भी दिखाई दिया। 


सूत्रों की मानें तो कांग्रेस नेताओं की आपसी खींचतान को देखते हुए हाईकमान ने पहले तेजिन्द्र बिट्टू को मनाया कि सैंट्रल हलका से केवल ङ्क्षहदू चेहरे को ही टिकट दी जाएगी जिसके उपरांत कोई ऐसा हिंदू चेहरा तलाशा जाने लगा जिसका किसी तरह का कोई विरोध न हो। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आखिरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री मुनीश तिवाड़ी को सैंट्रल हलका से टिकट देने का मन बनाया जिससे कांग्रेस को दोआबा क्षेत्र में भी एक सशक्त चेहरा मिलने का लाभ मिल जाता परंतु तिवाड़ी सैंट्रल हलका से टिकट लडऩे के इच्छुक नहीं थे क्योंकि तिवाड़ी का इस हलका में कोई आधार नहीं था और बिना तैयारी के अनजान हलका में चुनाव लडऩे का वह जोखिम भी नहीं उठाना चाहते थे। उन्होंने इस संदर्भ में पूरा मामला पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष उठाया जिस पर मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी के मार्फत राहुल गांधी को कहलवाया कि सैंट्रल हलका से तिवाड़ी की बजाय कोई स्थानीय हिंदू चेहरा तलाशा जाए। 

 

तिवाड़ी की विधानसभा चुनाव लडऩे की इच्छा जागृत रही और वह अपने पुराने संसदीय क्षेत्र लुधियाना के अंतर्गत आते सैंट्रल विधानसभा हलका से विधायक सुरिन्द्र डाबर के स्थान पर चुनाव लडऩा चाहते थे परंतु बाद में उनके लुधियाना ईस्ट हलका के चुनाव लड़वाने की चर्चाएं शुरू हो गईं। जहां से विगत चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी गुरमेल पहलवान को हार मिली थी। सूत्रों की मानें तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर से दखल देते हुए कांग्रेस अध्यक्षा से कहा कि तिवाड़ी जैसे सीनियर नेता की दिल्ली में बेहद जरूरत है और इस कद के नेता को विधानसभा लैवल तक सीमित न किया जाए जिसके उपरांत हाईकमान ने राजकुमार गुप्ता को मनाया कि पार्टी किसी को भी टिकट दे परंतु किसी प्रकार पंजाब में तानाशाही बादल सरकार का सफाया करना है और ऐसा तभी हो सकता है जब सभी धड़ेबंदी और गुटबाजी छोड़कर मिलकर चुनाव लड़ें। इस पर गुप्ता ने भी सहमति जाहिर कर दी कि उन्हें अथवा बेरी में से किसी को भी टिकट मिले वह मिल कर काम करेंगे। टिकट दावेदारों की लिस्ट में लंबी जद्दोजहद करने के उपरांत बेरी के नाम पर फाइनल मोहर लग पाई है। अब चूंकि कांग्रेस ने लुधियाना सैंट्रल से डाबर के नाम की घोषणा कर दी है परंतु ईस्ट हलका पर प्रत्याशी फाइनल करना लंबित है। तिवाड़ी को लेकर हाईकमान आगे क्या फैसला लेता है यह आने वाले समय में पता लग पाएगा। 


 

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