Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jun, 2018 10:40 AM
लंगर से केंद्रीय जी.एस.टी. हटाना कांग्रेस के दबाव के कारण हुआ संभव : सांसद औजला
अमृतसर (वालिया): सांसद गुरजीत सिंह औजला ने सभी धार्मिक संस्थाओं में जरूरतमंदों को मुहैया करवाए जाते नि:शुल्क लंगर से केंद्र सरकार द्वारा जी.एस.टी. हटाने संबंधी किए निर्णय का स्वागत करते हुए इस निर्णय को केंद्र सरकार द्वारा देर से लिया गया सही निर्णय करार दिया।
उन्होंने कहा कि इस मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए लेकिन फि र भी कुछ ऐसे राजनेता हैं जो इस मामले का बिना वजह लाभ लेने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी के विरोध में मैं संसद के अंदर और बाहर बैनर पहन कर जाता रहा ताकि इससे सारे सांसद अवगत हो सकें।
केंद्रीय राज्य मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा पिछले दिनों इस्तीफा देने के किए झूठे ऐलान का मजाक उड़ाते हुए औजला ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल ने भी अपने ससुर प्रकाश सिंह बादल की कार्यप्रणाली की नकल करते हुए अपने पद से इस्तीफ ा उस समय देने की घोषणा की जब उनको पता लग गया कि केंद्र सरकार ने इस संबंध में नीति का ऐलान करना है। उन्होंने हरसिमरत बादल से सवाल किया कि उन्होंने उस समय इस्तीफ ा देने का ऐलान क्यों नहीं किया जब 2017 में केंद्र सरकार ने लंगर पर जी.एस.टी. लगाया था।
उन्होंने कहा कि इस मामले में कांग्रेस की नीति स्पष्ट थी और कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा पिछले समय में लंगर से पंजाब के बनते जी.एस.टी. को माफ कर दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा पंजाब सरकार द्वारा माफ किए जी.एस.टी. के बाद केंद्र सरकार को अकाली दल के नेताओं को जी.एस.टी. माफ करने के लिए याद करवाया गया था।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह, पंजाब कांग्रेस मुखी व सांसद गुरदसापुर सुनील जाखड़, सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, चौधरी संतोख सिंह, शमशेर सिंह दूलो व उनके द्वारा सांसद भवन में इस नीति के विरोध में सरकार पर दबाव बनाया गया था जिस कारण केंद्र सरकार द्वारा इस नीति में बदलाव किया गया है।