Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 04:57 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से कहा है कि वह मोहाली में प्रस्तावित मैडीकल कालेज को सीमावर्ती क्षेत्रों या संगरूर में शिफ्ट करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करे क्योंकि इन...
जालन्धर (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से कहा है कि वह मोहाली में प्रस्तावित मैडीकल कालेज को सीमावर्ती क्षेत्रों या संगरूर में शिफ्ट करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करे क्योंकि इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से इस मामले में बातचीत करके मैडीकल कालेज के स्थान को परिवर्तित करवाने की चेष्टा करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर भटिंडा के एम्स कालेज के प्रोजैक्ट में तेजी लाने का आग्रह करेंगे जिसके लिए राज्य सरकार ने अपनी अनिवार्य औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है। भटिंडा में बन रहे एम्स प्रोजैक्ट पर कुल 800 करोड़ की लागत आनी है तथा यह राशि पूरी तरह से केंद्र द्वारा दी जाएगी जबकि मोहाली में प्रस्तावित मैडीकल कालेज पर 300 करोड़ रुपए खर्च होने है जिसमें केंद्र का हिस्सा 70 प्रतिशत व राज्य सरकार का 30 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने आज इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा के साथ बैठक भी की जिसमें दोनों प्रोजैक्टों की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह को बताया गया कि 2012 में मैडीकल कालेज के लिए मोहाली का चयन किया गया था जिसके तहत केंद्र ने पूरी राशि खर्च करके मैडीकल कालेज बनाना था। बाद में केंद्र ने 200 बैडों का अस्पताल बनाने की बात कही। उस समय मोहाली में केवल एक ही सिवल अस्पताल था जिसकी क्षमता 200 बैडों की थी तथा मोहाली में कोई भी प्राइवेट अस्पताल या मैडीकल कालेज नहीं था। उस समय इसकी जरूरत ज्यादा महसूस की गई परन्तु उसके बाद अब कई और जरूरतमंद क्षेत्र उभर कर सामने आए हैं जोकि केंद्र सरकार की मैडीकल कालेज बनाने की शर्तों को पूरा करते हैं तथा सीमावर्ती विशेष रूप से संगरूर में मैडीकल सुविधाओं का विस्तार करने की आवश्यकता है।
बैठक में यह विचार भी पाया गया कि चूंकि चंडीगढ़ में मैडीकल कालेज बना हुआ है तथा चंडीगढ़ में प्राइवेट मैडीकल सुविधाएं भी मौजूद हैं इसलिए मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि अविकसित सीमावर्ती क्षेत्रों में मैडीकल कालेज को शिफ्ट किया जाए। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल भी इस बात पर सहमत थे कि प्रस्तावित मैडीकल कालेज के लिए संगरूर ही बेहतर विकल्प हो सकता है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री से कहा कि वह स्वयं इस मामले को केंद्रीय मंत्री नड्डा के सामने उठाएं तथा पता करें कि क्या संगरूर में मैडीकल कालेज शिफ्ट हो सकता है। उसके बाद राज्य सरकार अपनी औपराचिकताओं को पूरा कर देगी।
एम्स भटिंडा की चर्चा करते हुए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी लम्बित मुद्दों को हल कर दिया है। वाटर चैनल को शिफ्ट किया गया है तथा भूमि के मसले का भी समाधान कर दिया गया है। इसका नींव-पत्थर प्रधानमंत्री ने 2016 में रखा था। पंजाब सरकार ने एम्स के लिए जमीन उपलब्ध करवाई है तथा वह सड़क व अन्य आधारभूत ढांचा भी उपलब्ध करवाएगी।
फिरोजपुर व संगरूर में पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटर स्थापित किए जाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री का ध्यान भटिंडा के एम्स की तरफ दिलवाएंगे क्योंकि जल्द ही इसके ग्लोबल टैंडर आमंत्रित किए जाने हैं। उन्होंने कहा कि एम्स बनने से पंजाब के लोगों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि वह फिरोजपुर तथा संगरूर में पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटरों की केंद्र से मंजूरी दिलवाएं। उन्होंने कहा कि केंद्र इनके लिए तैयार हैं परन्तु पी.जी.आई. को कुछ आपत्तियां हैं जिन्हें दूर किया जाना चाहिए। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ङ्क्षबद्रा के अलावा वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, मुख्य सचिव करण अवतार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव तेजवीर सिंह, आवास व शहरी विकास की मुख्य सचिव विन्नी महाजन, वित्त सचिव अनिरुद्ध तिवारी तथा भटिंडा के डिप्टी कमिश्रर दिप्रवा लकरा भी मौजूद थे जिन्होंने मुख्यमंत्री के सामने अपने विचार रखे।