कांग्रेस हाईकमान अमरेन्द्र पर गरम, सिद्धू पर नरम, 18 निर्देशों की सूची लेकर पंजाब लौटे कैप्टन

Edited By Vatika,Updated: 24 Jun, 2021 11:30 AM

captain v s navjot sidhu

मल्लिकार्जुन कमेटी के सामने पेशी और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के हमलों से नाराज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह बुधवार को बिना हाईकमान से मुलाकात किए ही

चंडीगढ़/जालन्धर(अश्वनी कुमार/धवन) : मल्लिकार्जुन कमेटी के सामने पेशी और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के हमलों से नाराज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह बुधवार को बिना हाईकमान से मुलाकात किए ही 18 प्वाइंट की लिस्ट लेकर वापस चंडीगढ़ लौट आए। मुख्यमंत्री इस बात से नाराज हैं कि हाईकमान की तरफ से बार-बार अनुशासन में रहने की नसीहत के बावजूद सिद्धू बदजुबानी से बाज नहीं आ रहे और हाईकमान मूकदर्शक बना हुआ है। उस पर हाईकमान के निर्देश पर 3 सदस्यीय कमेटी ने उन्हें तलब कर 18 प्वाइंट्स की लिस्ट भी पकड़ा दी है जिस पर अमल करने का दबाव बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री को उम्मीद थी कि इस सारे मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी से बातचीत होगी, लेकिन मंगलवार रात तक उनकी तरफ से न्यौता नहीं आने के बाद मुख्यमंत्री ने बुधवार सुबह वापसी की राह पकड़ ली। हालांकि मुख्यमंत्री की चंडीगढ़ रवानगी के बीच कमेटी के सदस्य हरीश रावत ने कहा कि सिद्धू को दिल्ली बुलाया जाएगा, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि कमेटी के साथ सिद्धू की मुलाकात कब होगी इसकी तारीख तक तय नहीं की गई है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री की नाराजगी को देखते हुए कमेटी ने फिलहाल हाईकमान के निर्देश पर सिद्धू को भी दिल्ली बुलाने का ऐलान कर दिया है ताकि संतुलन बना रहे। यह चर्चा इसलिए भी जोर पकड़ रही है, क्योंकि बयानबाजी के बाद भी सिद्धू के खिलाफ कमेटी के तेवर बहुत ज्यादा सख्त नहीं हैं। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हरीश रावत ने सिद्धू के कैप्टन विरोधी बयानों पर शायराना अंदाज में कहा कि मेरा अंदाज-ए-बयां ही कुछ ऐसा है कि लोगों को उसमें बगावत दिखाई देती है। रावत ने कहा कि सिद्धू तो बार-बार कह रहे हैं कि जो हाईकमान का आदेश होगा, उन्हें कबूल होगा। जाहिर है कि फिलहाल भविष्य में सिद्धू पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना काफी कम है।

प्वाइंट्स की मिनी गाइडबुक पर मुख्यमंत्री को तत्काल फैसला लेने का फरमान
तीन सदस्यीय कमेटी ने मुख्यमंत्री को पंजाब से जुड़े 18 मसलों पर तत्काल फैसले लेने को कहा है। यह मिनी गाइडबुक जैसे हैं, जिनके आधार पर मुख्यमंत्री को आगे चलने के लिए कहा जा रहा है। हरीश रावत के मुताबिक ये सभी 18 प्वाइंट्स पंजाब के तमाम मंत्रियों, विधायकों, सांसदों व अन्य नेताओं के साथ हुई मुलाकात के बाद तैयार किए गए हैं।  

बेअदबी-गोलीकांड मामला भावनात्मक इश्यू है। समाधान निकलता हुआ दिखाई देना चाहिए।
नशे के मामले में निर्णायक प्रहार होना चाहिए।
रेत और ट्रांसपोर्ट माफिया पर सख्त कदम उठाते हुए सरकार दिखाई देनी चाहिए।
किसानों के कर्जे माफ स्कीम को पूरी तरह अमल में लाया जाए, आमदन बढ़ाई जाए।
पंजाब के बाशिंदों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त मिले।
पावर परचेज एग्रीमैंट स्क्रैप यानी रद्द किए जाएं।
दलित वर्ग हितैषी फैसले लिए जाएं, वजीफा का मामला सुलझाया जाए।
युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों की संभावनाएं बढ़ाई जाएं।
चहेतों को नौकरी देने की परंपरा पर अंकुश लगाया जाए, भाई-भतीजावाद बंद हो।
हावी होती अफसरशाही पर नकेल कसी जाए।
रिटायर अफसरों की फौज से दूरी बनाई जाए।
टकसाली कांग्रेसियों को पार्टी में सम्मान मिले, उन्हें अहम जिम्मेदारियां दी जाएं।
स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त करने व मौजूदा बीमा योजना में विस्तार करने को कहा।
दलितों की जमीन को रैग्यूलराइज करना।
किसानों की तर्ज पर दलितों के कर्जे माफ करना।

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