Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Mar, 2018 08:25 PM
पंजाब के बाकी शहरों खासकर अमृतसर व जालंधर के मेयर चुनने के लिए विश्वास में न लेने को लेकर लोक...
लुधियाना(हितेश): पंजाब के बाकी शहरों खासकर अमृतसर व जालंधर के मेयर चुनने के लिए विश्वास में न लेने को लेकर लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिद्धू द्वारा खूब हंगामा करने के बावजूद लुधियाना का मेयर बनाने के मामले में भी कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सिद्धू को किनारे कर दिया है। जिसके तहत सीएम के दूत के रूप में कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा ने मेयरों के नामों का लिफाफा नगर निगम में पहुंचाया। उसी फरमान को मानकर कांग्रेस पार्षदों ने मेयर के लिए बलकार संधू, सीनियर डिप्टी मेयर पद पर शाम सुंदर मल्होत्रा व डिप्टी मेयर के लिए सर्बजीत कौर शिमलापुरी के नाम पर मोहर लगा दी।
अब सवाल यह है कि जो काम लोकल बाडीज मंत्री के विभाग से संबंधित है, उसे पंचायत मंत्री के हाथों से क्यों करवाया जा रहा है। जिसका जवाब देने के लिए कोई नेता तैयार नहीं है। यहां तक कि खुद बाजवा ने मान लिया है कि वह सीएम के भेजने पर यहां आए हैं। वो भी उस समय जब सिद्धू पंजाब से बाहर होने की जगह चंडीगढ़ में बैठकर अमृतसर स्मार्ट सिटी बारे रिव्यू मीटिंग ले रहे थे। इससे कैप्टन व सिद्धू के रिश्तों में खटास होने का एक और सबूत सामने आ गया है, क्योंकि पहले मेयर का नाम तय करने बारे हुई मीटिंगों में भी कभी सिद्धू की शमूलियत नहीं रही है।
मेयर चुनने के लिए पार्षदों ने पहले ही सीएम को अधिकार दे दिए थे। जिन्होंने कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ की सलाह करके फैसला लिया है। उसे लेकर नवजोत सिद्धू की कोई नाराजगी नहीं है। अब आगे चलकर सिद्धू की अगवाई में नगर निगम का काम होगा। जहां तक बाजवा को भेजने का सवाल है, उन्होंने ही पहले नगर निगम चुनावों के दौरान बतौर आब्र्जवर टिकटें बांटी हैं और उनकी अगुवाई में जीत मिली है। -एम.पी. रवनीत बिट्टू
नवजोत सिद्धू को समारोह में बुलाए जाने बारे उन्हें कोई जानकारी नहीं है और बाजवा को भेजे जाने का फैसला सरकार व पार्टी ने लिया होगा। जहां तक आगे की वर्किंग का सवाल है, उसमें हमने सिद्धू की गाइडलाईस मुताबिक ही चलना है। -बलकार संधू, नवनियुक्त मेयर