Edited By Sunita sarangal,Updated: 19 Sep, 2021 04:00 PM
लम्बे समय से चल रही कांग्रेस पार्टी की सियासी जंग में एक नया मोड़ तब आया जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के सी.एम. पद से इस्तीफा दे दिया।
चंडीगढ़: लम्बे समय से चल रही कांग्रेस पार्टी की सियासी जंग में एक नया मोड़ तब आया जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के सी.एम. पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उन्होंने सिर्फ सी.एम. पर से इस्तीफा दिया है उनका राजनीतिक सफर अभी भी जारी है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले भी कैप्टन 3 बार इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफा देने के बाद हर बार वह एक नई ताकत के साथ उभर कर सामने आए हैं। इस बार इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने खुल कर अपनी बातें कही। उनका कहना था कि वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं और आगामी विधानसभा चुनावों में नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।
1980 में वह पहली बार संसद के मैंबर बने थे। हालांकि ऑपरेशन ब्लू स्टार के समय कैप्टन ने पार्टी व संसद पद से इस्तीफा दे दिया और यह कदम उनके राजनीतिक करियर के लिए लाभदायक सिद्ध हुआ। 1985 में वह कांग्रेस छोड़ कर शिरोमणि अकाली दल में शामिल हुए और सुखजिंदर सिंह रंधावा की सरकार में मंत्री बने पर फिर उन्होंने सात महीने बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 2014 लोकसभा चुनाव में उन्होंने अमृतसर से जीत प्राप्त की थी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पंजाब के 2004 के सतलुज-यमुना लिंक नहर समझौते को गैर संवैधानिक बता देने के बाद भी उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। यह उनका तीसरा इस्तीफा था। इसके बाद उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को शानदार जीत दिलाई थी। वह दूसरी बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने।
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