‘कैप्टन सरकार जरनल समाज के हितों की करे रक्षा, नहीं तो होंगे गंभीर परिणाम’

Edited By Anjna,Updated: 17 May, 2018 08:51 AM

captain government

फगवाड़ा में गत दिनों भड़की जातीय ङ्क्षहसा के पश्चात जिला पुलिस व प्रशासन द्वारा निरंतर जनरल समाज के लोगों के साथ किए जा रहे व्यवहार एवं हो रही एकतरफा कार्रवाइयों को मुद्दा बनाकर जनरल समाज मंच द्वारा आज स्थानीय गुप्ता पैलेस में हंगामी बैठक का आयोजन...

फगवाड़ा (जलोटा): फगवाड़ा में गत दिनों भड़की जातीय हिंसा के पश्चात जिला पुलिस व प्रशासन द्वारा निरंतर जनरल समाज के लोगों के साथ किए जा रहे व्यवहार एवं हो रही एकतरफा कार्रवाइयों को मुद्दा बनाकर जनरल समाज मंच द्वारा आज स्थानीय गुप्ता पैलेस में हंगामी बैठक का आयोजन किया गया। इसमें जनरल समाज वर्ग से संबंधित हजारों लोगों, जिनमें प्रमुख तौर पर पूर्व सांसद कमल चौधरी, चंडीगढ़ से जनरल कैटेगरी वैल्फेयर फैडरेशन के चीफ आर्गेनाइजर शाम लाल शर्मा, अंबाला से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा महिला विंग की उपाध्यक्ष सीमा राणा, राकेश दुग्गल, एडवोकेट संजीव दुग्गल, अनुराग मनखंड, फतेह सिंह, एडवोकेट विजय शर्मा, नरेश भारद्वाज, संजीव बुग्गा, इंद्रजीत खलियान, निक्की शर्मा आदि प्रमुख तौर पर शामिल हैं, ने गर्मजोशी के साथ हिस्सा लिया।PunjabKesari
सभा को जनरल समाज वर्ग के लोगों ने फगवाड़ा में 13 अप्रैल को भड़की जातीय हिंसा के लिए सीधे तौर पर जिला कपूरथला के प्रशासन व पुलिस को दोषी करार देते हुए रोष भरे लहजे में कहा कि यदि उक्त दिन अथवा इससे पहले शहर में हुई सिलसिलेवार घटनाओं का सरकारी अमले ने कड़ा संज्ञान लेकर हालात की गंभीरता को समझा होता तो फगवाड़ा में यह हिंसा नहीं भड़कती और वह अनर्थ न घटता जिसे लेकर आज समाज का हर वर्ग दुखी है। लोगों ने कहा कि जिस तर्ज पर फगवाड़ा में शीर्ष सरकारी अमले को तब घटते रहे गंभीर घटनाक्रम की पल-पल की जानकारी थी उससे यह साफ हो गया है कि जो कुछ हुआ उसके पीछे गहरी साजिश रची गई है।

अत: जनरल समाज वर्ग के लोग यह मांग करते हैं कि 13 अप्रैल को घटी जातीय हिंसा के दौरान पुलिस व प्रशासन की रही भूमिका की सी.बी.आई. से जांच होनी चाहिए। पूर्व पार्षद राकेश दुग्गल ने कहा कि वह मांग करते हैं कि पंजाब सरकार फगवाड़ा की ए.डी.सी. बबीता कलेर एवं एस.डी.एम. ज्योति बाला मट्टू, जो व्यक्तिगत तौर पर 13 अप्रैल को मौके पर मौजूद थीं, की रही लापरवाह कार्यशैली की पंजाब सरकार हाई लैवल जांच करवाए और दोनों अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया जाए।

बैठक में मौजूद जनरल समाज मंच के लोगों ने मांग की कि फगवाड़ा में जातीय ङ्क्षहसा के दौरान दर्ज किए गए पुलिस केसों में नामजद दलित नेताओं, जिनमें जरनैल नंगल प्रमुख तौर पर शामिल है, को अविलंब गिरफ्तार किया जाए और पुलिस व प्रशासन दूसरे पक्ष के लोगों के प्रति अपनाए जा रहे एकतरफा कृपालु रवैये को त्याग कर निष्पक्ष ढंग से न्यायसंगत कार्रवाई को पूर्ण करे। इस मौके पर मंच से जनरल समाज के लोगों ने पंजाब की कैप्टन सरकार को चेतावनी देते हुए ऐलान किया कि यदि फगवाड़ा में हुई जातीय ङ्क्षहसा को लेकर सरकार ने जनरल समाज के हितों की अनदेखी की तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

लोगों ने कहा कि जातीय ङ्क्षहसा को लेकर दर्ज हुए पुलिस केसों में जनरल समाज के पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए 4 नेताओं के खिलाफ पुलिस धारा-302 आई.पी.सी. को धारा 304 आई.पी.सी. में बदले। यदि फगवाड़ा पुलिस ने जनरल समाज के लोगों के प्रति अपनाए जा रहे व्यवहार को नहीं बदला और निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए दूसरे पक्ष के आरोपी बनाए गए सभी लोगों को गिरफ्तार नहीं किया तो अगली बार बैठक नहीं, सीधा एक्शन होगा जिसके तहत जनरल समाज वर्ग के लोग फगवाड़ा से बड़े जन-आंदोलन की शुरूआत कर एक बार फिर शहर की सड़कों पर उतरेंगे। 
 

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