Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 08:51 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने बुधवार को यहां नीति आयोग के साथ बैठक में राज्य के लिए विशे....
चंडीगढ़(भुल्लर): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने बुधवार को यहां नीति आयोग के साथ बैठक में राज्य के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग उठाई है। आयोग के चेयरमैन डा. राजीव कुमार व सदस्य रमेश चंद्र से बैठक में उच्च अधिकारियों के अलावा वित्त मंत्री मनप्रीत बादल उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने राज्य की सक्रिय सरहदी सीमा के मद्देनजर राज्य के साथ अलग व्यवहार किए जाने की जरूरत पर बल दिया है, क्योंकि सीमा पर पड़ोसी देश ने नफरत वाला रवैया अपनाया हुआ है और यहां की आबादी घनी है। पंजाब से भागीदारी के रूप में 50:50 के हिसाब से तबदीली लाने का जिक्र करते हुए कैप्टन ने 90:10 की मूल हिस्सेदारी फिर बहाल करने को कहा है, जो इस समय केवल ‘विशेष श्रेणी’ वाले राज्य के लिए लागू है।
पंजाब के किसानों के कृषि ऋ ण माफ करने और फसलों के अवशेष जलाए जाने से रोकने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता देने का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने सिंचाई बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण के लिए एक विशेष पैकेज की मांग की है जिससे सूबे में टिकाऊ खेती को उत्साहित किया जा सके। फिरोजपुर में पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटर के चलने में हो रही बहुत लंबे समय से देरी के मुद्दे को भी मुख्यमंत्री ने मीटिंग के दौरान उठाया। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण जलापूॢत योजना को चलाने और रख-रखाव के लिए भी केंद्र से सहायता की मांग की।
फसलों की खरीद से 1800 करोड़ के घाटे की मनप्रीत ने दी जानकारी
मनप्रीत बादल ने नीति आयोग के साथ विशेष तौर पर फसलों की खरीद का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से सहायता की मांग की। उन्होंने मीटिंग के बाद बताया कि आयोग को खरीद के कार्य के कारण राज्य को हर वर्ष होने वाले 1800 करोड़ रुपए के घाटे के बारे में बताया गया है। आयोग को सुझाव दिया गया है कि खरीद का कार्य एफ.सी.आई. के हवाले कर दिया जाना चाहिए, जिससे इस मामले का समाधान होने से पंजाब को बड़ी राहत मिलेगी।