कैप्टन ने पराली जलाने से रोकने के लिए केन्द्र से बॉयोमास पावर प्रोजैक्टों के लिए मदद मांगी

Edited By Vaneet,Updated: 11 Jan, 2020 12:53 PM

captain center seeks help for biomass power project

राज्य सरकार द्वारा पहले ही केन्द्र को सौंपे गए प्रस्ताव का जिक्र करते हुए पंजाब...

चंडीगढ़/जालंधर(अश्वनी,धवन): राज्य सरकार द्वारा पहले ही केन्द्र को सौंपे गए प्रस्ताव का जिक्र करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि उन्होंने केन्द्र को पत्र लिखकर राज्य में पराली को जलाने से रोकने के लिए बॉयोमास पॉवर प्रोजैक्टों तथा बॉयोमास सोलर हाईब्राइड पावर प्रोजैक्टों के लिए वी.जी.एफ. (वायबिलिटी गैप फंङ्क्षडग) की मांग की है।
 
मुख्यमंत्री अमरेन्द्र ने केन्द्रीय बिजली, नवीकृत ऊर्जा राज्यमंत्री आर.के. सिंह को लिखे पत्र में कहा कि वह राज्य में बॉयोमास पावर प्रोजैक्टों के लिए वन टाइम वायबिलिटी गैप फंङ्क्षडग को विभिन्न चरणों में जारी करें तथा साथ ही बॉयोमास सोलर हाईब्रिड पावर पायलट प्रोजैक्ट के लिए भी धनराशि जारी करेंं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पराली को जलाने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं तथा उसे देखते हुए 
वह केन्द्र से सहयोग मांग रहे हैं।

उन्होंने मंत्रालय से कहा कि वह पंजाब को 5 करोड़ प्रति मैगावाट के बॉयोमास पावर प्रोजैक्ट तथा 3.5 करोड़ प्रति मैगावाट के बॉयोमास सोलर हाईब्रिड पावर प्रोजैक्ट आबंटित करें जिससे कि राज्य सरकार पराली को जलाने से पैदा होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपट सके। राज्य सरकार ने सबसे पहले 5 फरवरी 2019 को वी.जी.एफ. के लिए मंजूरी मांगी थी। मंत्रालय ने 6 मई को जवाब दिया था कि बॉयोमास पावर प्रोजैक्ट के लिए वी.जी.एफ. को लेकर कोई स्कीम विचाराधीन नहीं है।

पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 नवम्बर को केन्द्रीय मंत्री द्वारा ली गई बैठक में बॉयोमास पावर प्रोजैक्टों के मुद्दे पर पुन: चर्चा हुई। यह फैसला लिया गया कि पंजाब सरकार कृषि अवशेषों तथा एकीकृत अवशेष एकत्रण प्रणाली पर आधारित पावर प्लांट स्थापित करने के लिए प्रस्ताव केन्द्र को पेश करे। इसके लिए उपकरणों को मेक इन इंडिया नियमों के तहत खरीदा जाएगा। प्लांट के चलने पर उसके साथ सबसिडी को जोड़ा जाएगा। राज्य सरकार ने इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देशों पर एक विस्तृत प्रस्ताव केन्द्रीय मंत्रालय को भेज दिया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 दिसम्बर 2019 को पराली जलाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार किया था तथा पंजाब सरकार ने पुन: केन्द्रीय मंत्रालय को पत्र लिखकर वी.जी.एफ. के लिए नई स्कीम बनाने के लिए कहा। इनके लिए फंड का प्रबंध करने के लिए मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से सहयोग मांगा है। पंजाब चूंकि कृषि राज्य है जहां हर वर्ष 20 मिलियन टन धान के अवशेष बचते हैं तथा इसमें से 7.5 मिलियन टन का प्रयोग घरेलू उद्योगों में होता है, जबकि 12.5 मिलियन टन शेष अवशेषों से 1250 मैगावाट बिजली पैदा की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब राज्य बिजली नियामक आयोग ने बायोमास बिजली के लिए दरें 8.64 रुपए प्रति यूनिट की हैं। उन्होंने कहा कि बॉयोमास बिजली प्रोजैक्ट पंजाब के लिए सहायक सिद्ध हो सकते हैं। 

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