Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 04:25 AM
प्रदेश के हालात आजकल बेहद बुरे दौर में से गुजर रहे हैं। सरकार के पास अपने मुलाजिमों को तनख्वाह देने तक के पैसे भी नहीं हैं। बुजुर्गों व विधवाओं को पैंशन तक नहीं मिल रही। प्रदेश की इंडस्ट्री के बेहद बुरे हालात हैं, व्यापार सुस्त हो चुका है और मार्कीट...
जालंधर(रविंदर शर्मा): प्रदेश के हालात आजकल बेहद बुरे दौर में से गुजर रहे हैं। सरकार के पास अपने मुलाजिमों को तनख्वाह देने तक के पैसे भी नहीं हैं। बुजुर्गों व विधवाओं को पैंशन तक नहीं मिल रही। प्रदेश की इंडस्ट्री के बेहद बुरे हालात हैं, व्यापार सुस्त हो चुका है और मार्कीट पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
कानून व्यवस्था का प्रदेश में जनाजा निकल चुका है, मगर प्रदेश के मुख्यमंत्री आजकल बेहद सुकून में हैं। वह अपने हर काम से फुर्सत निकाल कर बैडमिंटन का मजा ले रहे हैं। अकाली-भाजपा के 10 साल के राज से नाराज प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के वायदों को हाथों हाथ लिया था और खुलकर वोट डाले थे। जनता को उम्मीद थी कि बुरे दिनों से छुटकारा मिलेगा और प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार होगा। मगर कैप्टन सरकार के पहले 8 महीनों के कार्यकाल में कुछ भी नहीं बदला।
इंडस्ट्री की उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं, प्रदेश का व्यापारी बेहद चिंतित है और बाजार पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। प्रदेश आर्थिक कंगाली के दौर में से गुजर रहा है और पिछले 3 महीनों से सरकारी मुलाजिमों को समय पर तनख्वाह तक नहीं मिल पा रही, जिस प्रदेश के पास अपने मुलाजिमों को तनख्वाह देने के पैसे न हो वह भविष्य की रणनीति के बारे क्या सोच सकता है। पिछले 8 महीनों में प्रदेश में अपराध की बात करें तो 725 के करीब लूटपाट व छीना-झपटी की घटनाएं हुई। इन 8 महीनों में चोरी की 2500 के करीब घटनाएं हुई और 250 से ज्यादा तो हत्याएं ही हो गई। जनता व पुलिस पर मानसिक दबाव इतना है कि दोनों ही खुलकर मौत को गले लगा रहे हैं। 500 के करीब लोगों ने 8 महीनों में खुद मौत को गले लगाया। लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले पुलिस मुलाजिमों में इस कदर दबाव है कि वे भी आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं।
पुलिस मुलाजिमों में लगातार हाइपर टैंशन व हार्ट अटैक जैसे मामले बढ़ रहे हैं। मगर प्रदेश के मुख्यमंत्री आजकल बिना तनाव के सत्तासुख भोग रहे हैं और वे तो सत्ता में इस कदर डूबे हैं कि उन्होंने अपनी अगली पारी की भी घोषणा कर दी है और बेफिक्र होकर आजकल बैडमिंटन का आनंद भी ले रहे हैं।