Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 08:12 PM
प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की मनमानी से पार्टी के विधायकों में अंदर ही अंदर खासा रोष पनपने लगा है। पहले तो पार्टी विधायकों को दोआबा में सी.एम. के प्रत्येक प्रोग्राम की जिम्मेदारी से दूर रखा गया और प्रोग्रामों की सारी कमान सी.एम. के...
जालंधर(रविंदर): प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की मनमानी से पार्टी के विधायकों में अंदर ही अंदर खासा रोष पनपने लगा है। पहले तो पार्टी विधायकों को दोआबा में सी.एम. के प्रत्येक प्रोग्राम की जिम्मेदारी से दूर रखा गया और प्रोग्रामों की सारी कमान सी.एम. के राजनीतिक सचिव संदीप संधू को सौंपी गई और अब नकोदर में हुए कर्जा माफी प्रोग्राम में भी विधायकों का रोष खुलकर देखा गया।
सी.एम. की स्टेज पर पार्टी नेताओं की बजाय पूरी तरह से कैप्टन की प्राइवेट आर्मी का कब्जा था। स्टेज पर व्यवस्था पूरी तरह से अव्यवस्थित नजर आई। सी.एम. की स्टेज पर काफी कुर्सियों का इंतजाम किया गया था, मगर इन कुर्सियों पर पार्टी के नेताओं को बिठाने की बजाय कैप्टन की प्राइवेट आर्मी को बिठाया गया था, ताकि कोई पार्टी नेता इन कुर्सियों पर न बैठ सके। पार्टी के सीनियर नेताओं का कहना था कि अगर पार्टी के बड़े नेताओं को वहां नहीं बिठाना था तो फिर स्टेज पर कुर्सियों का इंतजाम ही क्यों किया गया था। हालांकि कैप्टन के करीबियों का कहना है कि स्टेज पर किसी तरह की कोई बदइंतजामी न हो और कोई गैर-पार्टी व्यक्ति वहां आकर न बैठ जाए, इसलिए वहां पर प्राइवेट आर्मी को बिठाया गया था।
प्रोग्राम खत्म होने से कुछ मिनट पहले ही पहुंचे कई विधायक
हैरानी की बात यह रही कि कैप्टन की मनमानी के कारण अब धीरे-धीरे विधायकों का रोष चरम पर पहुंचने लगा है। एक समय था जब विधायक अपने प्यारे नेता कैप्टन अमरेंद्र सिंह का दीदार करने को तरसते थे, मगर पिछले एक साल से जिस तरह से विधायकों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है, उससे अब विधायकों का मोह कैप्टन से भंग होने लगा है। यही कारण रहा कि नकोदर में हुए समारोह में कई विधायक तो प्रोग्राम खत्म होने से महज कुछ मिनट पहले पहुंचे। अधिकांश विधायकों का यही कहना था कि जब स्टेज पर कोई तवज्जो ही नहीं मिलनी तो फिर पहले जाकर बेइज्जती करवाने की बजाय आराम से जाना ही बेहतर है। पार्टी के भीतर चल रहे ऐसे हालात आने वाले दिनों में किसी गहरे खतरे के संकेत हैं।