Edited By Suraj Thakur,Updated: 08 Mar, 2019 11:48 AM
रावी नदी पर बने रंजीत सागर बांध से बिजली बनाने के बाद छोड़े गए पानी को शाहपुरकंडी में बैराज बनाकर इकट्ठा किया जाएगा।
पठानकोट। भारत ने पाकिस्तान का पानी रोकने की मुहिम तेज कर दी है। इसी के मद्देनजर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को पठानकोट में रणजीत सागर बांध परियोजना और शाहपुरकंडी बैराज का शिलान्यास किया। शाहपुरकंडी बैराज का निर्माण होने से भारत से पाकिस्तान जाने वाले पानी पर पूरी तरह रोक लग पाएगी। 100 करोड़ की लागत से बनने वाला यह प्रोजैक्ट 2022 में तैयार हो जाएगा। इस अवसर पर कैप्टन ने सरकारी मॉडल स्कूल शाहपुर कंडी टाउनशिप में जनसभा को भी संबोधित किया।
ये है प्रोजेक्ट....
रावी नदी पर बने रंजीत सागर बांध से बिजली बनाने के बाद छोड़े गए पानी को शाहपुरकंडी में बैराज बनाकर इकट्ठा किया जाएगा। यहीं पर 206 मेगावाट के छोटे पावर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। रोके गए पानी को नए सिरे से चैनल के माध्यम से जम्मू-कश्मीर और पंजाब आवंटित किया जाएगा। 600 मेगावाट तक बिजली पैदा करने वाले के रंजीत सागर बांध को यदि पूरी क्षमता से चलाया जाए तो छोड़े गए पानी को संभालने के लिए माधोपुर हैडवर्क्स सक्षम नहीं है। इसलिए डैम को आधी क्षमता पर चलाना पड़ता है। पूरी क्षमता से चलाने पर पानी रावी नदी में छोड़ना पड़ता है जो पाकिस्तान चला जाता है। इसका भारत को कोई लाभ नहीं होता है। यदि शाहपुरकंडी बैराज बन जाए तो पानी को यहां रोका जा सकेगा। फिलहाल बैराज के न होने से 35 हजार हेक्टेयर जमीन को नहरी पानी भी उपलब्ध नहीं हो रहा है।